आप यहाँ पर हैं
होम > इंडिया (India) > प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डर के मारे हुआ बुरा हाल, जानिये इस डर के पीछे का कारण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डर के मारे हुआ बुरा हाल, जानिये इस डर के पीछे का कारण


आयिए चलिए अब हम बात करते हैं कांग्रेस पार्टी की जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बहुत ही बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। हम आपको बता दें कि यह मुसीबत तीन तलाक के विधेयक से जुड़ी हुई है। दरअसल ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि कांग्रेस राज्यसभा में बिल का समर्थन नहीं करेगी।

narendra modi नरेंद्र मोदी frightened

लोकसभा में तीन तलाक विधेयक का समर्थन करने वाली कांग्रेस पार्टी राज्‍यसभा में ऐसा नहीं करने का विचार कर रही है। एक समाचार चैनल की खबर के मुताबिक, राज्‍यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा की तरह हाथ का साथ मिले ऐसा जरूरी नहीं है।

भाजपा को जाना होगा विपक्ष के पास

आपको बता दें कि भाजपा के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, ऐसे में राज्यसभा में भाजपा के पास विधेयक को पास कराने के लिए दूसरे दलों के पास जाना पड़ेगा। भाजपा को अगर उसके सहयोगी दलों का साथ मिल भी जाता है तब भी ये आंकड़ा बहुमत तक नहीं पहुंचता है। तो ऐसे में भाजपा को सहयोगी दलों के साथ-साथ विपक्षी दलों का समर्थन भी उसे इस बिल को पास करने के लिए हासिल करना होगा।

विपक्ष के समर्थन के बाद ही कहीं जाकर ये विधेयक कानून की शक्ल ले सकेगा। और आखिरी मुहर के लिए राष्ट्रपति के पास जा पाएगा। गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता तीन तलाक बिल पर सहमति बनाने के लिए विपक्षी पार्टियों से बातचीत करने में जुटे हुए हैं।

Image result for narendra modi sad

विपक्षी दलों की ये हैं मांग

अगर बात विपक्षी पार्टियों की करें तो आरजेडी से लेकर बीजेडी तक बिल के विरोध में हैं। वहीं कांग्रेस, डीएमके और शिवसेना इस विधेयक में कुछ संशोधन करवाना चाहती है। तो वहीं सपा, मकपा जैसी पार्टियां बिल को पास कराने के लिए दी जानी वाली धमकियों को लेकर सवाल खड़े करते हुए इसे संसदीय समिति को भेजने की सिफारिश कर रही है।

Related image

कहा जा रहा है कि कांग्रेस राज्यसभा में में विधेयक पर ज्यादा विचार विमर्श करने के लिए इसे संसदीय समिति के पास भेजने की अपनी मांग को दोहरा सकती है। गौरतलब है कि राज्यसभा में विपक्ष के पास बहुमत है। इसीलिए ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस के साथ-साथ विपक्षी दल एकजुट होकर नरेंद्र मोदी की सरकार पर संशोधन के लिए दबाव बनाएंगे और उसे संसदीय समिति के पास भेजने के लिए मांग करेंगे।

राज्यसभा का गणित

मौजूदा समय में राज्यसभा में बीजेपी के पास 57 सदस्य, कांग्रेस के पास 57, टीएमसी के 12, बीजेडी के 8, बसपा के 5, सपा के 18, एआईडीएमके के 13, सीपीएम के 7, सीपीआई के 1, डीएमके के 4, एनसीपी के 5, पीडीपी के 2, इनेलो के 1, शिवसेना के 3, तेलुगुदेशम पार्टी के 6, टीआरएस के 3, वाईएसआर के 1, अकाली दल के 3, आरजेडी के 3, आरपीआई के 1, जनता दल(एस) के 1, मुस्लिम लीग के 1, केरला कांग्रेस के 1, नागा पीपुल्स फ्रंट के 1, बीपीएफ के 1 और एसडीएफ के 1 सदस्य हैं।

इसके अलावा 8 मनोनीत और 6 निर्दलीय सदस्य हैं। जिन्हें कुल मिलाकर 245 सदस्य है जिनमें भाजपा के पास बहुमत नहीं है जिसका इन्हें सीधा नुकसान है और विधेयक को पास कराने के लिए जोड़तोड़ करनी पड़ रही है।

Leave a Reply

Top