शायद आपको यह बात न मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बात की बड़ी चिंता रहती है कि वह खुद को जवान कैसे रखें. अगर हम उम्र के हिसाब से देखें तो नरेंद्र मोदी की उम्र बहुत ज्यादा हो गई है और वह बुजुर्ग अवस्था में पहुंच चुके हैं लेकिन इस उम्र में भी सजने संवरने की उनकी खूब आदत है.
हालांकि भारतीय सभ्यता में मर्दों को ज्यादा सजना संवरना अच्छा नहीं माना जाता है. ये एक तरह से अप्राकृतिक आदत होती है.
1. कहां से आ गए मोदी के बाल
याद किजिए उस दौर को जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम हुआ करते थें. 2002 में वहां दंगे हुए थें. प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हुआ करते थें.
दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी की करतूतों और उटपटांग बयानों से वाजपेयी काफी दुखी थें. वाजपेयी ने उस दौरान गुजरात की यात्रा की थी.
इसके बाद उन्होंने नरेंद्र मोदी के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया था. इन तस्वीरों में नरेंद्र मोदी पूरी तरह से गंजे दिखते थें.
2. सीएम बनने के पहले हीं गायब हो चुके थें बाल
नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम बनें, उसके पहले हीं उनके सिर के बालों ने दुनिया को अलविदा कह दिया था. वह 2001 के पहले हीं गंजे हो चुके थें. ये नरेंद्र मोदी के लिए बहुत दुख की बात हो गई थी.
वो अपने बालों को बहुत मिस किया करते थें. उड़ते बालों की वजह से उनकी जवानी पर खतरा मंडरा रहा था.
3. बालों कि लिए स्पेशल किट लेकर घूमते थें
नरेंद्र मोदी के जानने वाले बताते हैं कि वह शुरु से हीं अपने बालों के प्रति बेहद सजग रहते थें लेकिन वक्त की मार ने सारी सजगता ठिकाने लगा दी. मोदी की जेब में हर वक्त कंघी रहा करती थी, जिससे वो अपनी जुल्फों को संवारते थें.
वक्त ऐसा आया कि उनकी घनी जुल्फों की जगह चांद नजर आने लगा. इसके अलावा शेविंग किट के बगैर वो कहीं निकलते भी नहीं थें.
4. हेयर ट्रांसप्लांट कराया
खुद को हैंडसम दिखाने के शौकीन पीएम मोदी ने 2011 के आस पास अपना हेयर ट्रांसप्लांट कराया. इसके बाद से उनके चांद को थोड़ा सा ग्रहण लगा और उन पर जुल्फों का साया एक बार फिर से दिखने लगा. मोदी की लुक पहले से बेहतर हो गई थी. कूल डूड की तरह हो गए मोदी.
5. लोकसभा चुनाव के पहले दोबारा ट्रांसप्लांट
किसी को भी उनके हेयर ट्रांसप्लांट के बारे में शक न हो इसलिए शातिर मोदी ने इस सर्जरी को दो बार में पूरा करवाया. 2011 के बाद 2013 में दोबारा मोदी ने ये सर्जरी कंप्लीट कराई जिसके बाद अब उनका गंजापन नियंत्रित हुआ,
अब तो मोदी के बाल इतने लंबे हो चुके हैं कि उनकी पोनी टेल तक बनाई जा सकती है.
निष्कर्ष:
सादगी में हीं सुंदरता है. बनावटी सुंदरता से कोई फायदा नहीं होता. वैसे भी इंसान अपने चरित्र से पूजा जाता है, चेहरे की वजह से नहीं, इसलिए चरित्र निमार्ण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यक्ता है.