जैसा कि आप सब जानते हैं कि नरेंद्र मोदी भी बेहद दिलचस्प कैरेक्टर का नाम है. आपको यह जानकर बेहद हैरानी होगी कि जब गुजरात के सीएम थें तो खूब इंटरव्यू देते थे.
प्रधानमंत्री बनने के बाद इंटरव्यू से बचते हैं. लाइट, कैमरा और एक्शन के जबर्दस्त प्रेमी हैं लेकिन पत्रकारों के सवालों से डरते हैं.
आलोचना तेज होने लगी तो इंटरव्यू देना शुरु कर दिया लेकिन मजेदार बात है कि अपने इंटरव्यू के लिए सवाल भी वही चुनते हैं.
पत्रकार भी वही चुनते हैं और चैनल भी खुद भी चुनते हैं. ये मोदी की पुरानी अदा है लेकिन एक बार ऐसा वाकिया भी हुआ जब एक पत्रकार के सवालों पर भड़क कर मोदी इंटरव्यू बीच में ही छोड़ कर भाग गए.
जब सीएम थे नरेंद्र मोदी
ये बात 2007 की है. अंग्रेजी न्यूज चैनल सीएनएन आईबीएन के कार्यक्रम डेविल्स एडवोकेट में करन थापर गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू ले रहे थें.
इसी दौरान थापर ने नरेंद्र मोदी से गुजरात दंगों से जुड़े कुछ सवाल पूछ लिए. बस इसी दौरान नरेंद्र मोदी ने अपना संयम खो दिया. करन थापर बताते हैं कि मुझे जहां तक याद है मोदी मेरे सवालों से न सिर्फ नाराज नहीं हुए बल्कि बुरी तरह भड़क उठें. मोदी इंटरव्यू के बीच में ही खड़े हुए और जाने लगें.
वो सवाल जिससे भड़क गए नरेंद्र मोदी
करण थापर के जिन सवालों पर नरेंद्र मोदी का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया उनमें से कुछ सवाल ये रहे. आप खुद को सबसे लोकप्रिय सीएम बताते हैं लेकिन हजारों मुसलमान आपको हत्यारा समझते हैं, क्या आपके सामने इमेज प्रॉब्लम है ? करण थापर का दूसरा सवाल था कि क्यों सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के 4500 मामलों में से 2600 को गुजरात के बाहर भेज दिया !
पानी मांगने के बहाने छोड़ा इंटरव्यू
करण ने बताया कि इन दो सवालों के बाद ही मोदी ने घुमा फिरा कर कुछ जवाब दिए और पीने के लिए पानी मांगा. बाद में एहसास हुआ कि पानी तो सिर्फ बहाना था, असल मकसद तो इंटरव्यू छोड़कर भागना था. करण कहते हैं कि मैं मिन्नत करता रह गया लेकिन मोदी नहीं मानें और इंटरव्यू पूरा नहीं हो सका.
चैनल ने मोदी के इस साढ़े तीन मिनट के अधूरे वीडियो को करीब 40 बार अपने चैनल पर दिखाया. इंटरनेट पर इस वीडियो को लाखों बार देखा गया. करण थापर ने मोदी को ऐसा सबक सिखाया कि उसके बाद मोदी न्यूज चैनलों से डरने लगे थें.