हम आपको बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार अपने ही मंत्रियों के कारण सवालों के घेरे में आ खड़ी हुई है। बात कुछ यह कि भारतीय बैंकों से करीब 9000 करोड़ रुपए का लोन लेकर फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया था।
1. माल्या के एक बयान से देश की राजनीति में हड़कंप
लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंचे विजय माल्या ने बताया है कि वह देश छोड़कर भागने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करके आया था। आपको बता दें विजय माल्या के इस खुलासे के बाद देश में मोदी सरकार की किरकिरी हो रही है।
2. विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार
इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है राहुल गांधी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग तक कर डाली है। हालांकि अरुण जेटली माल्या के दावे को गलत करार दे रहे हैं।
3. अरुण जेटली से मुलाकात कर माल्या गया था लंदन
दरअसल कांग्रेस नेता पीएल पुनिया द्वारा किए जा रहे दावे के मुताबिक उन्होंने संसद के सेंट्रल हॉल में विजय माल्या और अरुण जेटली को काफी समय तक बातचीत करते देखा था। आपको बता दें कि शराब कारोबारी विजय माल्या के एक बयान ने भारत की राजनीति में भूकंप ला कर रख दिया है।
4. सीबीआई ने बदला था लुकआउट नोटिस
इस मामले में कांग्रेस और बीजेपी द्वारा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है कांग्रेसने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि एक अपराधी के खिलाफ सरकार इजाजत के बिना लुकआउट नोटिस कैसे बदला गया।
5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश के बिना कैसे हुआ इतना बड़ा फैसला
इस मामले में राहुल गांधी ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर के जरिए ट्वीट कर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राहुल ने कहा है कि सीबीआई सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है और माल्या के खिलाफ डिटेन नोटिस को सीबीआई ने बहुत ही चालाकी से इन्फॉर्म नोटिस में बदल दिया।
निष्कर्ष:
गौरतलब है कि ये कितनी दिलचस्प बात है कि सीबीआई ने लुकआउट नोटिस को पीएम मोदी के आदेश के बिना कैसे बदला होगा।