आज के दौर में मुकेश अम्बानी बहुत बड़े आदमी हैं| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण उनको जो भी फायदे होते हैं उसको लेकर वह काफी चर्चा में रहते हैं| मुकेश अम्बानी एक बहुत बड़े और कामयाब बिज़नेसमैन हैं|
अम्बानी के बारे में आप बहुत कुछ जानते होंगे लेकिन आपने कभी उनकी पत्नी नीता अम्बानी के बारे में जानने की कोशिश की ? आज हम आपको बताते हैं कि महीने के 800 रुपये कमाने वाली नीता कैसे बनी नीता अम्बानी |
नीता अम्बानी ने रखी थी मुकेश से ये शर्त
देश के सबसे अमीर खानदान अम्बानी की बहू बनने के पहले नीता अम्बानी एक आम आदमी की तरह साधारण जीवन गुजारने वाली महिला थी और वो स्कूल में बच्चों को पढ़ाती थी जहाँ 800 रूपये मासिक उन्हें भुगतान किया जाता था |
नीता बताती हैं कि बच्चों को पढ़ाना उन्हें बेहद पसंद है इसलिए जब मुकेश अम्बानी से शादी हुई तब उन्होंने मुकेश के सामने ये शर्त रखी कि वो शादी के बाद भी बच्चों को पढ़ाने की जॉब करेंगी | मुकेश इस बात पर राजी भी हुए और उन्हें इजाजत देकर अपनी शादी की |
स्कूल में नहीं जानता था कोई कि ये कौन हैं
नीता के बारे में ये बात जानकर सभी को हैरानी होती थी कि अम्बानी खानदान की बहू होने के बाद भी नीता एक प्राइवेट स्कूल में जॉब करती थी और बच्चों को पढाती थी जबकि उनके पास पैसे की कोई भी कमी नहीं | एक बार जब इस बारे में नीता अम्बानी से इंटरव्यू में सवाल किये गये तो उनका कहना था कि स्कूल की प्रिन्सिपल नहीं जानती थी कि वो अम्बानी खानदान की बहू हैं |
नीता का ये किस्सा बड़ा गजब का है
एक किस्सा ऐसा भी है कि 1987 में नीता के स्कूल की प्रिंसिपल ने वर्ल्ड कप की २ टिकटें लाकर दी और कहा कि स्कूल की कोई भी दो टीचर जाकर इस मैच को देख सकती हैं लेकिन नीता ने ये टिकिट लेने से मना कर दिया |
ऐसा सुनने में आता है कि उस वर्ल्ड कप का स्पोंसर उस समय रिलायंस ग्रुप था और जब उनकी प्रिंसिपल मैच देखने गयी और देखा कि नीता प्रेसिडेंट बॉक्स में VIP केबिन में बैठी हैं तो हैरान रह गयी |
प्रिंसिपल को सब्र नहीं हुआ और उन्होंने उसी समय जाकर नीता अम्बानी से पूंछा कि वो वहां पर क्या कर रही हैं और जब नीता ने बताया तब जाकर उन्हें पता चला कि उनके स्कूल में पढाने वाली टीचर देश के सबसे अमीर खानदान की बहू है | बाद में नीता ने कुछ महीनों बाद स्कूल में पढ़ाना छोड़ दिया और अपना अपना पारिवारिक बिजनेस देखने लगीं |