नई दिल्ली। 500 और 1000 के नोट बंद कराने के बाद केंद्र सरकार इसे कामयाब बनाने में जुट गयी है। 500 और 2000 के नोट कल आ जायेंगे और बैंक और डाकघर नोट बदलना शुरू कर देंगे। रिजर्व बैंक और प्रधानमंत्री कार्यालय जनता की मदद करने में लग जायेंगे। 10 नवंबर से ही बैंक खुल जायेंगे और नोट बदले जा सकेंगे और जमा किये जा सकेंगे। बैंक शनिवार और रविवार को भी खुलेंगे। किसान और महिलाएं जिनकी सालाना आय ढाई लाख रुपये की टैक्स छूट सीमा के दायरे में है वे बिना किसी परेशानी के पुराने नोट अपने खाते में जमा करा सकते हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस फैसले को सही बताया है।
आरबीआइ/बैंकों में कंट्रोल रूम :
वित्त मंत्रालय में आर्थिक विभाग के सचिव शक्तिकांत दास ने बताया कि आरबीआइ ने बैंकों के एटीएम व शाखाओं में नकदी पहंचाने के लिए व्यापक स्तर पर उपाय किए हैं। बैंकों से शनिवार और रविवार को भी शाखाएं खुली रखने को कहा गया है। बैंकिंग आपरेशंस की निगरानी के लिए आरबीआइ के अलावा बैंकों ने अपने अपने स्तर पर कंट्रोल रूम खोले हैं।
जरूरी सेवाओं में चलेंगे पुराने नोट :
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भरोसा दिया है कि दो-तीन सप्ताह में बैंकों व डाकघरों में नोटों की व्यवस्था पूरी तरह सुचारु हो जाएगी। मेट्रो रेल किराये, सरकारी व निजी दवाई की दुकाने, पेट्रोल पंप, गैस स्टेशन, एलपीजी बुकिंग, रेलवे कैटरिंग और एएसआइ के संरक्षित स्मारकों में प्रवेश के लिए 500 व 1000 के पुराने नोट स्वीकार किए जाएंगे।
11 तक टोल वसूली स्थगित :
जाम की घटनाओं के मद्देनजर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 11 नवंबर तक राष्ट्रीय राजमार्गो को टोल वसूली से मुक्त कर दिया है। इसके बाद टोल अदायगी के लिए पुराने नोट स्वीकार किए जाएंगे।
बढ़ सकती है बैंकों में ड्यूटी :
बैंकों में अतिरिक्त घंटे काम करने के बारे में वित्त मंत्रालय के बैंकिंग की सचिव अंजुली चिब दुग्गल का कहना था कि फिलहाल घंटे तय नहीं किए गए हैं। लेकिन बृहस्पतिवार के कामकाज को देखकर सरकार इस संबंध में फैसला लेगी। सरकार की ओर से बैंकों की सवा लाख शाखाएं तथा डेढ़ लाख पोस्ट आफिसों में नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जोरदार तैयारियां की गई हैं।
शाखाओं में अतिरिक्त इंतजाम :
आरबीआइ ने बैंकों से अपनी सभी शाखाओं में अतिरिक्त काउंटर खोलने तथा नोटों की गिनती, छंटाई व नकली नोटों की पहचान के लिए अतिरिक्त नोट काउंटिंग, शार्टिग व यूवी लैंप लगाने को कहा है।
रोज देना होगा हिसाब :
प्रत्येक बैंक शाखा को 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच हुए पुराने नोटों को बदलने के दैनिक कारोबार का पूरा हिसाब-किताब ईमेल या फैक्स के जरिए अपने नियंत्रण कार्यालय को देना होगा। इसकी निगरानी के लिए हर बैंक से कम से कम महाप्रबंधक स्तर का नोडल अफसर नियुक्त करने को कहा गया है।
ग्राहकों के लिए लेनदेन सीमाएं : बैंकों में 4000 रुपये तक कुल मूल्य के पुराने नोट बदले जाएंगे। पंद्रह दिन बाद इस सीमा को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। बैंक में नोट जमा करने के लिए कोई सीमा नहीं है। लेकिन जिन खाताधारकों ने केवाईसी नियमों का पालन नहीं किया है उनके लिए अधिकतम 50 हजार रुपये की सीमा रखी गई है। इस पैसे को दूसरे ग्राहक के खाते में ट्रांसफर भी किया जा सकता है, बशर्ते वह ग्राहक बैंक में उपस्थित होकर अपनी पहचान प्रमाणित करे। जहां तक निकासी की बात है तो 24 नवंबर तक अधिकतम 10 हजार रुपये रोजाना और सप्ताह में 20 हजार रुपये की सीमा रखी गई है। एटीएम से पैसे निकालने की सीमा 18 नवंबर तक प्रति कार्ड अधिकतम 2000 रुपये तथा 19 नवंबर से 4000 रुपये होगी। जो लोग किसी कारणवश 30 दिसंबर तक अपने पुराने नोट बैंक में नहीं जमा करा पाते हैं, वे इसके बाद मार्च तक रिजर्व बैंक में इन्हें जमा करा सकते हैं। 30 दिसंबर तक बैंक शाखाओं की भांति बिजनेस करेस्पांडेंट के जरिए भी 4000 रुपये तक की नकदी बदलवाई जा सकती है। जनधन योजना में नोट जमा कराने पर सामान्य सीमा लागू होगी।