तो चलिए अब बात करते हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की. हम आपको बता दें कि बिहार में महागठबंधन से अलग होने और बीजेपी से जुड़ने के कारण सत्ता बनाने में नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इसी कारण उनके हाथ से सत्ता जाने का डर सता रहा है.
सुप्रीमकोर्ट ने बढ़ाई बिहार के सीएम की मुश्किलें
जी हाँ हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के चलते नीतीश कुमार की मुश्किलें इस कदर बढ़ गई हैं कि मानो एक बार फिर उसके मुख्यमंत्री पद पर तलवार लटकती नज़र आ रही है.
जा सकती है मुख्यमंत्री की कुर्सी
दरअसल, इन दिनों नीतीश को लेकर एक ख़ास याचिका सुप्रीमकोर्ट में दाखिल की गई हैं जिसमें उन्हें बिहार मुख्यमंत्री पद के लिए अयोग्य घोषित किया गया है. इसी पर सुनवाई पूरी होने के बाद यदि नीतीश कुमार सीएम पद के लिए अयोग्य घोषित हो जाते हैं तो उन्हें संभवत अपना पद छोड़ना पड़ेगा.
नीतीश कुमार पर लगे है गंभीर आरोप
सुप्रीमकोर्ट में याचिकाकर्ता ने नीतीश कुमार पर अपने चुनावी हलफनामे में अपने बारे में कई अहम जानकारियाँ छुपाने और चुनाव आयोग को गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है.
नीतीश पर चल रहा है हत्या का मुकदमा
शिकायतकर्ता ने सुप्रीमकोर्ट को साफ़ तौर पर बताया है कि..
“नीतीश कुमार ने अपने एफिडेविट में इस बात का जिक्र नहीं किया कि उनके नाम पर हत्या का मामला दर्ज है. लिहाजा नीतीश कुमार को सीएम पद के लिए अयोग्य घोषित किया जाए.”
होगी हत्या की निष्पक्ष जांच
सुप्रीमकोर्ट में दाखिल याचिका में नीतीश कुमार के खिलाफ हत्या के मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की भी मांग की गई है.
नीतीश ने चुनाव आयोग से छुपाए अपने सभी आपराधिक
रिकॉर्ड
याचिकाकर्ता ने बिहार मुख्यमंत्री पर ये आरोप भी लगाया है कि नीतीश ने 2004 और 2015 के बीच अपने हलफनामों में अपने ऊपर हत्या के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का खुलासा नहीं किया था. साथ ही याचिका में सुप्रीमकोर्ट को ये भी बताया गया है कि नीतीश कुमार अपने आपराधिक रिकॉर्ड को चुनाव आयोग से छुपाने के बाद अपने संवैधानिक पद पर नहीं रह सकते हैं. हालाँकि इसी याचिका के बाद चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर उसे सुनवाई योग्य नहीं बताते हुए याचिका को खारिज करने की मांग की है.