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चौकाने वाली ख़बर, 2000 रुपये की नोट में नहीं होंगे जीपीएस चिप

दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों की जगह 500 और 2000 के नोट निकालेगी। इन नोटों की तस्वीरें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जारी की है। सोशल साइट और कुछ न्यूज़ चैनल ने यह अफवाह फैला दी कि 2000 के नोट में जीपीएस चिप लगी होगी जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है।

नहीं होगा 2000 रुपये के नोट में जीपीएस: काले धन को रोकने के लिये 2000 रुपये के नये नोट में जीपीएस लगा होगा। जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई तभी आरबीआई की 2000 के नये नोट की गाइडलाइंस देखी गयीं। इस गाइडलाइंस में कहीं ऐसा नहीं लिखा हुआ कि 2000 रुपये के नये नोट में जीपीएस लगा हुआ आयेगा, जो इसके जगह की मौजूदगी का पता लगा सकता है। आपको बता दें कि यह देश का सबसे बड़ा नोट होगा। लेकिन कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि काले धन को रोकने के लिये बड़े नोट पर रोक लगनी चाहिये। क्या है 2000 रुपये के नये नोट में लगे जीपीएस की स्टोरी? 2000 रुपये का नया नोट काले धन को बाहर निकालने के इरादे से डिजाइन किया गया है। माना जा रहा है इस नोट में नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है और हर नोट में नैनो जीपीएस चिप (NGC) मौजूद होगा। इस चिप के लिये किसी तरह की पावर सोर्स की जरूरत नहीं होती। यह सिर्फ एक सिग्नल रिफ्लेक्टर की टेक्नोलॉजी की तरह काम करता है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से सैटेलाइट NGC से लोकेशन जानने के लिए सिग्नल भेजता है जिसके जरिए लोकेशन व करेंसी का सीरियल नंबर वापस सैटेलाइट को मिलता है। इस तरह NGC से लैस करेंसी को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। इतना ही नहीं अगर नोट जमीन से 120 मीटर अंदर भी हो तो भी इसका पता लगाया जा सकता है। इस NGC टेक्नोलॉजी को करेंसी नोट को नुकसान किये बिना नहीं हटाया जा सकता।