नई दिल्ली: दूध देने वाले पशुओं की चोरी को रोकने के लिए अब हर राज्य की सरकार जानवरों का भी आधार कार्ड बनाने को लेकर सोच विचार कर रही है। उत्तराखंड से इस काम की शुरुआत हो गई है। यह जो योजना है इसको कैसे लागू किया जाए इसको लेकर हर राज्य की सरकार सोच विचार कर रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ तकनीकी खामियां आ रही है, लेकिन उसे भी जल्दी ही राय-मशविरा लेकर सुलझा लिया जाएगा। सरकार सभी पशुओं का आधार कार्ड बनवाने पर विचार कर रही है। लेकिन सबसे पहले गाय, भैंस का आधार कार्ड बनवाया जाएगा।
इसके पीछे तर्क ये दिया जा रहा है कि जानवरों का रिकॉर्ड रखने में आसानी होगी। साथ ही इन जानवरों की बीमारियों से बचाने के संबंध में भी कामयाबी मिलेगी। संभव ये भी है कि इस योजना को कार्यान्वित करने के लिए कुछ टीम को उत्तराखंड भेजी जाएं और इस योजना की पूरी जानकारी हासिल की जाए।
फिलहाल, इसकी जिम्मेवारी राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम को सौंपी गई है। इसकी देखरेख नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड करेगा। यदि सबकुछ ठीक रहा तो जानवरों का आधार कार्ड बनवाने का काम जुलाई के दूसरे हफ्ते से शुरू हो जाएगा।