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जानिये क्यों छूट गये अधिकारियों के पसीने

one saari selling for 1 rs in varanasi at a showroom

बनारस: एक साड़ी के शोरूम ने वाराणसी में एक स्कीम लागू की थी जिसके तहत जो महिलाएं 1 रुपये का नोट लेकर आयेंगी उन्हें एक साड़ी दी जायेगी. जैसे ही महिलाओं को इस स्कीम के बारे में पता चला वैसे ही शोरूम के बाहर महिलाओं की भीड़ लग गयी. महिलाओं की भीड़ हज़ारों की तादाद में थी और भीड़ संभालने के बाद भी नहीं संभल रही थी. थोड़ी देर के बाद पुलिस पहुंची और इस स्कीम को बंद करवाया. लेकिन जो महिलायें सुबह से लाइन में लगी थीं उनको बहुत गुस्सा आया. पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ी उन महिलाओं को हटाने के लिये. और शोरूम को भी बंद करना पड़ा.

साड़ी लेने आई एक महिला चांदनी ने बताया कि 1 रुपये में साड़ी देने की बात कही थी और 1 से 2 बजे का टाइम दिया. सुबह से लोग लाइन लगाए हैं और अब कह रहे हैं कि प्रशासन ने मना कर दिया. प्रशासन को पता होना चाहिए कि बनारस में कितनी पब्लिक है और अगर मना किया गया है तो आधे लोगों को क्यों बांटा गया.

गौरतलब है कि महमूरगंज इलाके की एक दुकान ने यह स्कीम चलाई कि 1 रुपये का नोट लाइए और एक साड़ी ले जाइए. इसके लिए इन्होंने अपने यहां बैनर भी लगाया. इस स्कीम को जानने के बाद हजारों की संख्या में महिलाएं सुबह से आ गईं. दुकानदार के मुताबिक, यह स्किम सिर्फ एक हजार साड़ियों के लिए थी. शुरू में 700 महिलाओं को साड़ी दी भी गई, लेकिन जब भीड़ ज्यादा बढ़ गई तो प्रशासन ने जाम को देखते हुए मना किया.

दुकानदार प्रिंस कुमार जायसवाल ने आगे बताया कि हमारी स्कीम थी कि 1 रुपये में एक साड़ी देंगे, हमने एक हजार साड़ी की स्कीम निकाली थी. लोग समझ नहीं पाए और बहुत भीड़ आ गई तो प्रशासन का भी फोन आया कि बहुत भीड़ हो गई है, स्कीम बंद कर दीजिए.

महिलाओं की अधिक भीड़ और हंगामे के बाद यह स्किम तो बंद हो गई पर अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई कि क्या जनता को लुभाने के लिए ऐसी स्कीम जारी करनी चाहिए क्योंकि पहले भी साड़ी बांटने को लेकर कई हादसे हो चुके हैं.

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