लखनऊ मेट्रो जबसे लॉन्च हुई है तबसे कोई न कोई दिक्कत आ रही है. जिस दिन मेट्रो का पहला दिन था उसी दिन मेट्रो बंद हो गई. इमरजेंसी एग्जिट से लोगों को निकालना पड़ा. अगले दिन तो हद ही हो गई जब मेट्रो के अंदर से तकरीबन 20 किलो मसाले की पुड़िया मिली हैं. वैसे तो मेट्रो के अंदर खाना पीना मना होता है लेकिन लखनऊ वालों के लिए कुछ भी मना नहीं होता और उनके अपने अलग ही उसूल होते हैं. ऐसा तो लखनऊ मेट्रो जिस दिन चली थी उसी दिन होना था.
खैर लखनऊ वालों की नवाबी अपनी जगह है, मेट्रो की खराबी अपनी जगह. एक जगह दोनों नहीं पाए जा सकते. मेट्रो के शीशों पर लालकिला न मिले इसके लिए हमें कुछ प्रयास करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमने बहुत प्रयास करके देखा, मसाला छूटता ही नहीं है. लेकिन मेट्रो को बचाना है तो पान मसाले को न कहना होगा. सरकार कुछ काम के नियम मेट्रो के अंदर लागू कर दे और काम हो जाएगा.