हम आपको बता दें कि आजतक की पत्रकार श्वेता सिंह एक बार फिर से विवादों से घिरी हुई हैं। इसका कारण उनका दलित नेता जिग्नेश मेवानी पर भद्दा कमेंट करना है।
बता दें कि यह कोई पहला मौका नही है अक्सर श्वेता सिंह अपने ट्वीट के लिए विवादों में रहती है।कुछ दिनों पहले उन्होंने पद्मावती फिल्म के विरोध को जायज़ ठहराया था और विरोध को हवा देने के लिए कई टवीट किया था।
श्वेता सिंह ने अपने ट्वीट में खुद के राजपूत होने का ज़िक्र करके पद्मावती के विरोध को सही साबित करने की कोशिश की थी।लेकिन उनका सबसे बड़ा कारनामा नोटबंदी के समय रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा 2000 के नए नोटों को लेकर था कि इन नोटों में एक माइक्रोचिप है अगर किसी ने इन नोटों को एक जगह जमा किया फिर सेटेलाइट सिग्नल से भारत सरकार इसके बारे में पता लगा सकती है।
हालाँकि, श्वेता सिंह के दावे बिलकुल फर्जी साबित हुए।नोटों में कोई माइक्रोचिप नही थी। लेकिन इस पुराने विडियो को देखकर श्वेता सिंह के दावों को एक बार ज़रूर देखना चाहिए। बरहाल श्वेता सिंह इस बार दलित नेता एवं गुजरात से निर्दलीय चुनाव जीते जिग्नेश मेवानी का नाम लिए बिना उन पर टिप्पड़ी को लेकर चर्चा में है।
श्वेता ने अपने ट्विट्टर अकाउंट पर लिखा।। ‘देश के भीतर मतभेद भी होंगे। आवाज़ें भी उठेंगी। जातीय संघर्ष, राजनीतिक द्वेष, सांप्रदायिक मुद्दे होंगे। पर ये कैसा लोकतंत्र है जो देश के टुकड़े के नारे लगाने वाले को नेता बना देता है। ये कौन लोग हैं जो ऐसों का समर्थन कर रहे हैं।‘
श्वेता सिंह के इस ट्वीट पर यूजर ने उनकी जमकर क्लास लगाई। इमरोज खान ने जवाब देते हुए लिखा कि, ‘मैडम आप के ही आका यानी प्रधान सेवक ने ही कहा था क्रिया की प्रतक्रिया होती है तुमने भी राजपूत स्वाभिमान के नाम पर पद्मावती का विरोध उकसाया,क्या जब एक जाति के मान सम्मान पर हु हल्ला करोगी तो दूसरी जाती वाले अपने अंदर के स्वाभिमान को नही जगायेंगे #दलाल’
इसके अलावा श्याम माली ने इसका जवाब देते हुए लिखा कि, ‘मैडम, शायद आप भूल रही हैं, ये वही लोकतंत्र है जिस में एक दंगाई, लोगों में नफरत का जहर बोने वाले, हर वक्त मुंह से जहर उगलने वाले को सीएम बना दिया था !!’