आप सब सूचना का अधिकार जिसे अंग्रेजी में राइट टू इनफॉरमेशन कहा जाता है के बारे में तो जानते ही होंगे। आपको बता दें की आरटीआई के तहत आप किसी भी मसले से जुड़ी जानकारी आधिकारिक तौर पर हासिल कर सकते हैं।
हम आपको बता दें की सूचना के अधिकार के आ जाने से कई लोगों ने अपनी जानकारी के लिए बहुत से मामलों पर आरटीआई डाल उससे जुड़ी जानकारी हासिल की है।
लेकिन सूचना के अधिकार को लेकर एक मामला ऐसा भी है जिसके बारे में शायद आपको जानकारी न हो कि जब प्रधानमंत्री कार्यलय से एक ऐसा सवाल पूछ लिया गया जिसका पीएमओ की ओर से जवाब देने से साफ इनकार कर दिया गया।
दरअसल आरटीआई के जरिये पूछा गया था कि, प्रधानमंत्री मोदी ने जो 15 लाख रूपये देने का वादा किया था उसकी तारीख क्या है?
इस सवाल का जवाब देते हुए पीएमओ ने कहा कि,’यह सवाल सूचना के अधिकार के अंतर्गत नहीं आता, इसलिए इसका जवाब नहीं दिया जा सकता।
यह जानकारी मोहन कुमार शर्मा नाम के शख्स ने 26 नवंबर 2016 को आरटीआई के जरीये मांगी थी।’
आपको बता दें कि सूचना के अधिकार के लिए यह आवेदन नोटबंदी के बाद 18 दिन बाद किया गया था।
दरअसल मोहन कुमार शर्मा ने मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर के समक्ष शिकायत की थी कि पीएमओ और आरबीआई उन्हें पूरी सूचना उपलब्ध नहीं करायी।
सीआईसी माथुर ने बताया,’पीएमओ की ओर से आवेदनकर्ता को यह जानकारी दी गई कि उनकी ओर से आरटीआई के जरिए मांगी गई जानकारी आरटीआई एक्ट के सेक्शन 2(एफ) के अंतर्गत सूचना की परिभाषा के दायरे में नहीं आती।’