जैसा कि आप सब जानते हैं कि मोदी सरकार को प्रसून वाजपेयी से दिक्कत हो रही थी जिसके कारण एबीपी न्यूज़ ने प्रसून वाजपेयी की छुट्टी करदी. यही नहीं बल्कि उनके साथ-साथ बेबाक पत्रकार अभिसार शर्मा को भी लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है.
देश के तीन निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकार रवीश कुमार, पुण्स प्रसून वाजपेयी और अभिसार शर्मा ने 56 इंच वाली बयान बहादुर सरकार के पसीने छुड़ा रखें हैं. इन तीन पत्रकारों से निपटने के लिए लगातार मोदी, शाह और भागवत के बीच बैठकें चल रही है.
1. मोदी और शाह का मिशन हुआ फेल
जब से पुण्य प्रसून वाजपेयी एबीपी न्यूज पर मास्टर स्ट्रोक शो कर रहे थें, तब से मोदी, शाह और भागवत बेचैन थें.
इन तीनों का मकसद था कि देश की मीडिया सभी मुद्दों से अपना ध्यान हटाकर हिंदू, मुस्लिम, भारत पाकिस्तान, गाय गोबर, तीन तलाक हलाला और कश्मीर जैसी बातों पर दिन भर खबरें दिखाएं और डिबेट कराए ताकी ध्रुवीकरण कभी भी कमजोर नहीं पड़ें.
आम आदमी न्यूज चैनल्स पर ये बे सिर पैर के बहस देख कर बोर हो चुका था तो वहीं वाजपेयी का मास्टर स्ट्रोक लगातार देश की जमीनी हकीकत, बढ़ती बेरोजगारी और किसानों की दुदर्शा जैसे मुद्दों पर सीरिज चला रहा था. सरकार भयभीत हो गई कि ये वाजपेयी तो हमारी पोल खोल रहा है. इसको निपटाओ, वरना मुश्किल होगी.
2. रहस्यमय तरीके से प्रसारण किया बाधित
रांगा और बिल्ला की साजिशकर्ता जोड़ी ने कुछ दिनो से एबीपी न्यूज के सैटेलाइट के साथ छेड़छाड़ शुरु करवा दिया. जैसे हीं वाजपेयी का मास्टरस्ट्रोक शुरु होता, बस तभी से सिग्नल गडबड़ होना शुरु हो जाता. पहले तो लोग इसे सामान्य तकनीकी समस्या समझ रहे थें लेकिन धीरे धीरे पोल खुलती हो गई कि इसके पीछे खुराफाती दिमाग लगा दिया गया है.
3. एनडीटीवी में जाएंगें प्रसून वाजपेयी
मोदी, शाह और भागवत की वाजपेयी को रोकने की साजिश फेल होती हुई दिख रही है. देश का सबसे तटस्थ और निष्पक्ष न्यूज चैनल एनडीटीवी ने पुण्य प्रसून वाजपेयी को अपने साथ आने का न्यौता दिया है.
जल्द हीं वो अपनी पत्रकारिता की पैनी धार से अहंकारी सरकार को एक बार फिर से बैकफुट पर लाने में कामयाब होंगें.
सूत्रों का दावा है कि पहले भी वाजपेयी के साथ समझौते की कोशिशें सरकार की ओर से हुई थी लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि मैं विशुद्ध रुप से पत्रकार हूं.
मैं कल की सरकारों से भी सवाल करता था, आज की सरकारों से भी कर रहा हूं. आगे भी करता रहूंगा.
निष्कर्ष:
पुण्य प्रसून वाजपेयी ने देश की पत्रकारिता के इतिहास में कभी न मिटने वाली अमिट लकीर खींच दी है.
बहुत ही उम्दा पत्रकारिता की जाती है जोशी जी द्वारा। सरकारे जानती है की देश की जनता आज भी उनका स्वरुप मीडिया के माध्यम से निर्धारित करती है इसलिए पत्रकारों को विभिन्न प्रलोभनों और दबाव के द्वारा अपने पक्ष में किया जाता है।