प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने हमारे देश के रेलवे स्टेशन को ही बेच दिया है. विकास के नाम पर भारत के नेता कुछ भी कर सकते हैं जैसे: वह किसी को भी बेघर कर सकते हैं, किसानों के ऊपर गोलियाँ चलवा सकते हैं, किसी भी सरकारी प्रॉपर्टी को बेच सकते हैं.
जैसे “राष्ट्रवाद” के नाम पर आप कुछ भी कर सकते हैं किसी को मार सकते हैं, गालियाँ दे सकते हैं, छात्राओं को रेप की धमकियाँ दे सकते हैं और फिर भी राष्ट्रवादी बने रहेंगे। असल मुद्दे पर आते हैं। भोपाल में एक रेलवे स्टेशन है हबीबगंज। छ: प्लेटफोर्म का स्टेशन है। भोपाल जंक्शन से सात किलोमीटर और भोपाल सेंट्रल से दस किलोमीटर की दूरी पर है। यह हिंदुस्तान का पहला रेलवे स्टेशन है जिसे मोदी सरकार ने बेच दिया है।
अब से ये प्राइवेट स्टेशन है। रेलवे ने गुरुवार को अपने समस्त अधिकार प्राइवेट कंपनी बंसल हाथवे प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिए। अब केवल गाड़ी संचालन का जिम्मा ही रेलवे को होगा।
इस स्टेशन से रेलवे को करीब दो करोड़ का सलाना राजस्व मिलता रहा है जो अब नहीं। मिलेगा क्योंकि अब स्टेशन के अंदर सभी प्रकार की सुविधा जैसे की पार्किंग, खानपान आदि पर बंसल कंपनी का अधिकार होगा और इससे होने वाली आय भी कंपनी ही लेगी।ये सब हो रहा है विकास के नाम पर। हबीबगंज को वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने के नाम पर। अभी तो ये शुरूआत है धीरे धीरे मोदी सरकार रेलवे को ही बेच देगी और एक शब्द के सहारे इसे जायज़ ठहरा दिया जायेगा। देखते हैं कब तक ये “विकास” चलता है।