इब्राहिमपुर: करीब 10 महीने पहले ही हैदराबाद से करीब 125 किमी दूर स्थित इब्राहिमपुर गांव के कैशलेस होने की घोषणा की गई थी. गांव के लोगों ने डिजिटल ट्रांजेकशन सीखने के लिए रात-रातभर गणित लगाई लेकिन व्यवस्था में कमी के चलते गांव में कार्ड से पेमेंट पूरी तरह फेल हो चुका है.
दुकानदारों ने अपनी मशीनें भी बैंक में वापस कर दी हैं. मोदी के डिजिटल ड्रीम सिंबल रहे इस गांव ने अब दोबारा रुपये से लेन-देन की राह पकड़ ली है.
करीब 10 महीने पहले ही इब्राहिमपुर गांव निवासी 60 वर्षीय बी भुमैया को जब पता चला कि अब उनके गांव में सिर्फ कार्ड से ही लेन-देन होगा, तो उन्होंने रात-रातभर अभ्यास करते हुए डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना सीखा.
इस तरह उन्होंने अपने गांव के दुसरे 1,200 से अधिक वयस्कों के साथ डिजिटल युग में प्रवेश किया था. तब इब्राहिमपुर दक्षिण में पहला और देश में दूसरा 100 फीसदी कैशलेस ट्रांजेकशन वाला गांव घोषित हुआ था, जो वाकई तेलंगाना के लिए गर्व की बात थी.