एस्सेक्स: हम आपको बता दें कि यदि कोई व्यक्ति कई दिनों तक टॉयलेट न जाए तो बड़ी समस्या हो जाती है। हम आपको यह भी बता दें कि इस समस्या के कारण एक कैदी को रिहाई दे दी गई।
यूनाइटेड किंग्डम में हार्लो में क्राइम यूनिट रैप्टर वेस्ट ने एक कैदी को इसलिए रिहा कर दिया क्योंकि वो 47 दिनों तक टॉयलेट नहीं गया था। कैदी ने क्लास ए ड्रग्स को निगल लिया था ताकि सबूत न मिलने पर पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाए लेकिन पुलिस ने फिर भी उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को लगा कि जब ये ड्रग्स एक्सक्रिशन के जरिये निकलेगा तो उन्हें आरोपी के खिलाफ सबूत मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
क्लास ए ड्रग्स की तस्करी में हुआ था गिरफ्तार
यूनाइटेड किंग्डम में हार्लो में क्राइम यूनिट रैप्टर वेस्ट ने 15 जनवरी महीने में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। आरोपी पर क्लास ए ड्रग्स की सप्लाई का आरोप था। पुलिस ने जब आरोपी को गिरफ्तार किया तो बचने के लिए उसने तुरंत ड्रग्स निगल लिए। उसे लगा कि ऐसा कर पुलिस उसके खिलाफ सबूत नहीं जुटा पाएगी। जेल में पुलिस पहले दिन इंतजार करती रही कि वो बाथरूम जाए और उसके एक्सक्रिशन के जरिये वो ड्रग्स का पता लगाएं।
इंटरनेट पर शुरू हुआ #PooWatch हैशटैग
आरोपी पुलिस से चार कदम आगे निकला और बाथरूम जाने के लिए तैयार ही नहीं हुआ। इसके बाद रैप्टर वेस्ट ने उसकी रोजाना की बातें सोशल मीडिया पर पोस्ट करना शुरू किया। उसके बॉवल मूवमेंट, उसे बाथरूम गए कितने दिन हुए, ये सभी बातें #PooWatch हैशटैग के जरिये ट्विटर पर शेयर हो रहीं थीं। धीरे-धीरे इंटरनेट यूजर्स उसकी बातों में दिलचस्पी लेने लगे। पुलिस को उम्मीद थी कि वो एक दिन बाथरूम जरूर जाएगा और उन्हें सबूत मिल जाएगा। इसिलए वो कोर्ट से उसकी कस्टडी भी बढ़ाने की मांग करते गए।
आखिर में पुलिस ने किया रिहा
38 दिनों तक बाथरूम न जाने के बाद आरोपी के वकील ने कोर्ट में मजिस्ट्रेट से कहा कि वो टॉयलेट जाने की बजाय मर जाएगा। उसकी सेहत को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने आरोपी को मेडिकल और लीगल एडवाइस पर रिहा कर दिया जिसके बाद उसे फौरन अस्पताल ले जाया गया। आरोपी के खिलाफ ड्रग्स का केस भी पुलिस ने हटा दिया। हालांकि उसके बाद उसे दूसरे आरोप में गिरफ्तार किया गया जिसमें उसे बेल मिल गई।