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सोनिया गांधी के इस पैंतरे से सदमे में है बीजेपी, 2019 लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट पर इस दिग्गज को उतारेंगी चुनावी मैदान में


हम आपको बता दें कि यूपी की रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीटों से देश के सबसे पुराने राजनीतिक घराने नेहरु गांधी परिवार की कर्मस्थली है. आपको यह जानकर बेहद ख़ुशी होगी कि इन दोनों लोकसभा क्षेत्रों और नेहरु गांधी परिवार का गहराई से रिश्ता रहा है.

इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी, सोनिया गांधी और अब राहुल गांधी, प्रियंका गांधी इस रिश्ते को दिल से निभाते आ रहे हैं.

इस रिश्ते को खत्म करने के लिए संघ परिवार से लेकर पूरी भारतीय जनता पार्टी ने जम कर कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो सकी.

इसी बीच एक बड़ी खबर आ रही है पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी. मालूम हो कि सोनिया गांधी पिछले चार चुनावों से रायबरेली से शानदार जीत हासिल करती आ रहीं हैं.

प्रियंका गांधी हो सकती हैं उम्मीदवार

नेहरु गांधी परिवार से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिए है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट से सोनिया गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगी. सोनिया गांधी अब आराम चाहती हैं.

पिछले कई चुनावों से रायबरेली और अमेठी की धरती पर सक्रिय प्रियंका गांधी को इस सीट से कांग्रेस अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है. प्रियंका गांधी काफी समय से रायबरेली की स्थानीय राजनीति में सक्रिय हैं और सांगठनिक गतिविधियों में रुचि लेती रहीं है.

प्रखंड अध्यक्षों की नियुक्ति

अभी हाल ही में कांग्रेस में नए पदाधिकारियों के चयन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई तो प्रियंका की ही सलाह पर 08 नए अध्यक्षों का मनोनयन किया गया.

इसके साथ ही प्रियंका यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई और महिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित करती रहती हैं. अभी हाल ही में उन्होंने रायबरेली के व्यापारियों के साथ बैठक की जिसका आयोजन कांग्रेस व्यावासायिक प्रकोष्ठ ने किया था.

रायबरेली के रास्ते यूपी साधने की तैयारी

प्रियंका के रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने की पूरी पटकथा तैयार की जा रही है. प्रियंका रायबरेली के रास्ते पूरे उत्तर प्रदेश में सक्रिय होंगी.

कांग्रेस के सामने यूपी में सिवाय अपने पैरों पर खड़े होने के कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है. कांग्रेस के सामने इस प्रदेश में करो या मरो की नीति पर चलने की ही गुंजाईश बची है.

कांग्रेस जहां भाजपा को परास्त करना चाहती है तो मायावती और अखिलेश के सिर पर चढ़ कर बोल रहा अहंकार भी चूर करने की चुनौती है.