हम आपको बता दें कि आरबीआई(भारतीय रिज़र्व बैंक) ने सभी बैंकों को निर्देश दिये हैं कि KYC कराने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होगा. जबकि आधार कार्ड को अनिवार्य करने का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है जिसकी सुनवाई अभी तक नहीं हुई है.
आपको बता दें कि अभी तक KYC कराने के लिये जिन दस्तावेजों की जरूरत पड़ती थी उसमे पैन नंबर के साथ पता प्रमाण पत्र के लिए एक आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज (ओवीडी) और हाल ही में पासपोर्ट आकार की तस्वीर शामिल थे. आपको बता दें कि सीडीडी(Customer Due Diligence) प्रक्रिया में आरबीआई ने यह बात साफ तौर से कह दी,’आधार संख्या, पैन या फॉर्म संख्या 60″ को उस व्यक्ति से प्राप्त करने की आवश्यकता है जो बायोमेट्रिक आईडी के लिए आवेदन करने के योग्य है।’
गुप्त सूत्रों से पता चला है कि आरबीआई के इस फैसले से बैंकिंग सेवाओं को एक विश्वसनीय वातावरण की सुविधा भी मिलेगी.
क्या होगा उनका जिनके पास नहीं है आधार कार्ड
जिनके पास आधार कार्ड नहीं है उनको आधार कार्ड बनवाना जरूरी होगा क्योंकि आरबीआई ने पते और पहचान प्रमाण के लिए बैंकों द्वारा अन्य ओवीडी के उपयोग से संबंधित वर्गों को हटा दिया है. आपको बता दें कि आरबीआई ने असम, जम्मू-कश्मीर और मेघालय के निवासियों के लिए जिनके पास आधार कार्ड नहीं है उनके लिए बैंक ओवीडी, पहचान और पता और एक हालिया तस्वीर का विवरण ले सकता है।
आपको बता दें कि ओवीडी का मतलब है पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान पत्र, राज्य सरकार के एक अधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित एनआरईजीए द्वारा जारी किए गए नौकरी कार्ड, नाम और पते के विवरण वाले राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी पत्र.
इन लोगों से नहीं लिया जायेगा आधार कार्ड
आपको बता दें कि आरबीआई ने यह बात साफ तौर से कह दी है कि आधार कार्ड उन लोगों से नहीं मांगा जाएगा जो भारत देश के निवासी नहीं हैं. आरबीआई ने यह भी कहा,’उन लोगों से आधार संख्या नहीं मांगी जायेगी जो लोग आधार संख्या के लिए नामांकित होने के योग्य नहीं हैं या फिर वह लोग जो निवासी नहीं हैं.’