हम आपको बता दें कि बीजेपी अपने कामों और फैसलों को लेकर अपने मिले इतने बड़े बहुमत का विश्वास खोती जा रही है! हम आपको यह भी बता दें कि अब बीजेपी का जो थोड़ा बहुत तिलिस्म था वह भी खत्म होने की कगार पर है!
भाजपा के नोट्बंदी, GST आदि ऐसे फैसले हैं जिनसे आमजन बहुत परेशान हुआ है तो ऐसे में आरएसएस ने खुद भाजपा के सामने आइना रखने का काम किया है !
आरएसएस ने बीजेपी को चेताया
आरएसएस ने भाजपा को उनके लिए गये गलत फैसलों और कार्यशैली को देखते हुए पार्टी की जो लोकप्रियता घट रही है उसे लेकर सचेत किया है !
अगर हम टेलीग्राफ की रिपोर्ट देखें तो पता चलता है कि आरएसएस ने अपने सारे घटक दलों से फीडबैक लेने के बाद आर्थिक सुस्ती,बेरोजगारी और नौकरी जाने, नोट्बंदी की असफलता और किसानों की बदहाली जैसे मुद्दों की वजह से आम लोगों में भाजपा के प्रति बनी भावना को लेकर मोदी एंड कम्पनी को सचेत किया है !
वहीं जनसत्ता की रिपोर्ट कहती है कि आरएसएस ने मोदी सरकार के बड़े नेताओ को तलब करते हुए कहा कि उसके कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट और सर्वे के अनुसार आम जनता मोदी सरकार के बारे में बहुत गलत भावना बनाकर बैठी है और बहसें कर रही है ! हालाँकि देखा जाए तो ये गलत भावना नहीं बल्कि सही सोच है जनता की जो भाजपा को तो खैर गलत ही लगना है !
आखिर क्या कहती है रिपोर्ट?
अगर आरएसएस की रिपोर्ट की बात करें तो पता चलता है कि मोदी अभी भी जनता में लोकप्रिय है लेकिन इतने भर से चुनाव नहीं जीता जा सकता ! आरएसएस ने इतिहास उठाते हुए मोदी को समझाया है कि याद रखो 2004 में भी अटल जी लोकप्रिय थे लेकिन इसके बाद भी लोक सभा चुनाव भाजपा नहीं जीत पाई थी !
दरअसल आरएसएस के नेताओ ने अभी मथुरा में 3 दिन का समन्वय कार्यक्रम रखा था जिसमे जमीनी रिपोर्ट्स का विश्लेषण हुआ था ! इसमें अमित शाह और योगी भी शामिल थे ! सूत्र बताते है कि संघ से जुड़े कई संगठन मोदी की आर्थिक नीतियों से खफा हैं !
टेलीग्राफ से ये कहा आरएसएस नेता ने
आरएसएस के एक नेता ने टेलीग्राफ से बातचीत करते हुए कहा कि आमजन ऐसी आशा करके बैठा था कि मोदी के आते ही कालाधन आएगा और नोट्बंदी से भी कालाधन आने की आशा जगी थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो लोग ठगा सा महसूस रहे हैं !
आरएसएस का ही हिस्सा भारतीय मजदूर संघ 17 नवम्बर को दिल्ली सकर की आर्थिक नीतियों के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करने वाली है !