हम आपको बता दें कि आरएसएस ने 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा को आगाह किया है। संघ ने दो मुद्दों को लेकर आशंका ज़ाहिर की है कि बेरोजगारी और किसानों की समस्याएं अगले आम चुनाव में भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। अंग्रेजी अखबार टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार। भारतीय मंजदूर संघ से जुड़े आरएसएस के एक नेता ने कहा कि वे लोग किसानों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याएं और नौकरी के मौकों की कमी को लेकर बीजेपी को बार बार चेतावनी दे रहे थे।
आरएसएस नेता ने कहा, ‘अगर केंद्र सरकार हमारी बात पर ध्यान देती तो बीजेपी का गुजरात में इतना कमज़ोर प्रदर्शन नही होता।’ बता दें कि भाजपा ने गुजरात में भले ही सरकार बना ली हो लेकिन चुनाव के नतीजों से ना तो पार्टी संतुष्ट है और ना ही आरएसएस। आरएसएस ने गुजरात से मिले अपने फीडबैक को पिछले शुक्रवार (28 दिसंबर) को भाजपा के साथ साझा किया है।
इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे। आरएसएस का मानना है कि नौकरी की कमी झेल रहा युवा सरकार से दुखी हो रहा है और ये मोहभंग होने वाली जैसी हालत है। अखबार ने दावा किया कि संघ सूत्रों ने भाजपा को दोनों मुद्दों पर काम करने को कहा है।संघ ने कहा है कि अगर भाजपा इन दो मुद्दों पर काम नहीं करती है तो 2019 के लोकसभा चुनाव और 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ सकता है।
आरएसएस के स्वदेशी जागरण मंच के एक नेता ने कहा कि गलत आर्थिक नीतियां के वजह से किसान और नौजवान दोनों परेशांन है।वही भाजपा ने संघ की सलाह को सकारत्मक बताया है और कहा है कि सभी सुझावों पर अमल करने की कोशिश की जाएगी।