हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी की भारी जीत को कहीं न कहीं ईवीएम मशीन में गड़बड़ी के साथ जोड़ा गया था। हम आपको यह भी बता दें कि विपक्षी नेताओं ने इस मामले पर जमकर हंगामा भी किया था।
आखिर में सभी पार्टियों ने बीजेपी की इस बम्पर जीत पर ईवीएम मशीन धांधली का शक जताया गया था।
शुरु से ही ईवीएम मशीन को बताया गया अविश्वसनीय
आपको बता दें कि बीते कई सालों से वोटिंग के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर कई पार्टी के नेताओं गैर भरोसेमंद बताया है। कई बड़े बड़े नेताओं ने ईवीएम पर अपनी राय देते हुए कहा है कि यह अविश्वसनीय है।
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी बैलेट पेपर का किया समर्थन
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी तक ईवीएम को लेकर कह चुके हैं, कि यह अविश्वसनीय है और बड़े देशों की बात करें तो यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरीका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और जापान जैसे देशों में भी वोटिंग के लिए बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाता है न कि ईवीएम का।
जब न्यूज ने 2014 में ही कर दिया था ईवीएम के हैक होने का
खुलासा
ईवीएम के इस्तेमाल और इससे हो सकने वाली गड़बड़ी पर बात करते हुए एक न्यूज एकंर संजय ब्राग्ता ने इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी अपने शो में 2014 में ही दे दी थी।
संजय ब्राग्ता जो कि इस समय सहारा न्यूज चैनल के लिए काम करते थे ईवीएम की जानकारी उन्होंने अपने शो प्राइम टाइम में दी थी।
फिलहाल संजय आजतक चैनल में काम कर रहे हैं। 23 साल के मीडिया एक्सपीरियंस में उन्होंने रिपोर्टिंग, एंकरिंग, चैनल हेड व न्यूजरुम हेड इनपुट पर काम किया है। साथ ही संजय टीवी टूडे, बीबीसी हिंदी, टीवी न्यूज व सहारा समय के साथ काम कर चुके हैं।
देखिये वीडियो:-
ईवीएम को हैक करने के हैं कई तरीके – कम्प्यूटर एक्सपर्ट
ईवीएम मशीन को खुद से फिक्स किया जा सकता है। इनके मुताबिक वोटिंग में इस्तेमाल की जाने वाली इस इलेक्ट्रॉनिग वोटिंग मशीन को भी बिल्कुल उसी तरह हैक किया जा सकता है जैसे कि एक कम्यूटर को हैक किया जाता है।
ईवीएम से संभन छेड़छाड़ द्वारा कोई भी वोटों के प्रतिशत में 70 फिसदी तक धांधली कर सकता है। कम्प्यूटर एक्सपर्ट कल्पेश मिश्रा बताते हैं कि “ईवीएम मशीन को 5 अलग अलग तरीकों से हैक किया जा सकता है। कल्पेश मिश्रा बताते हैं कि ईवीएम में हैकिंग करने के लिए मशीन के अंदर के माइक्रो कंट्रोलकर को चेंज किया जा सकता है।” जिससे जाहिर होता है कि कोई भी यह माइक्रो कंट्रोलकर बदल कर वोट्स को अपने पक्ष में आसानी से कर सकता है।
साथ ही ईवीएम को हैक करने के लिए मशीन के अंदर के प्रोग्राम को बदला जा सकता है। इसके लिए मशीन के अंदर के वायरलेस ट्रांसमीटर को फिक्स किया जाता है जिससे कि मशीन भी कम्प्यूटर की तरह हैक हो जाती है। इसके अलावा मशीन को किसी दूसरे कम्प्यूटर से कनेक्ट कर यूएसबी की मदद से भी हैक किया जा सकता है। दूसरे तरीके से ईवीएम को हैक करने के लिए मशीन की मैमॉरी को टेम्पर्ड किया जा सकता है।