तो चलिए अब बात करते हैं मक्काह और मदीना की। हम आपको बता दें कि इस्लाम धर्म में मक्काह और मदीना बहुत ही पाक शहर हैं। इसका कारण है यहाँ पर करोड़ लोगों का हज और उमराह पर जाना।
लेकिन जब से स्मार्ट फोन का जमाना आया है तो लोगों के अंदर फोटोग्राफी का शोक बहुत बड़ गया है, और सेल्फी का तो क्रेज इस कद्र तक बढ़ गए है कि लोगों ने कोई कमी नहीं छोड़ी है। आज देश और दुनिया में लोगों के अंदर सेल्फी का क्रेज बहुत ज्यादा बड़ा हुआ है और लोग इस काम के लिए किसी भी हद तक जा सकते है।
सेल्फी के अलावा हाल ही में फेसबुक द्वारा जारी फेसबुक लाइव का लोग बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने लगे है। जिसके दुष्परिणाम आज आप के और हमारे सामने आने लग गए है।
कुछ लोगों द्वारा इसका गलत इस्तेमाल किया जाने लगा है तो वहीं सेल्फी लेने के चलते देश और दुनिया में कई लोगों ने अपनी जानें तक गंवा दी है। लेकिन इन पाक जगहों पर फोटो और सेल्फी लेना किस हद तक सही है।
कहीं न कही इन सभी चीजों का मुस्लिम समाज पर गलत असर पड़ता है। दरअसल इन मौलाना ने जब इस बात पर लोगों को ध्यान दिलाया और इस मुद्दे पर अपनी बात रखी तो ये अपने आप में एक बड़ी बुराई नजर आने लगी। अगर आप इस बयान को पूरी तरह से सुनेंगे तो आप को भी शर्म आ जाएगी।
मक्का और मदीना सऊदी अरब की हेजिरा डिस्ट्रिक्ट के बहुत ही ज्यादा हाइटेक शहरों में से हैं। मक्का शहर पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्म स्थान है और इसे इस्लाम के पवित्र शहर के तौर पर जाना जाता है।
तो यहां से जियारत के बाद हजयात्री मदीना शहर की तरफ जाते हैं। मक्का मस्जिद अल हरम, बैथ उल्लाह, सफा और मारवा जैसी पवित्र मस्जिदों के लिए जाना जाता है। यहां मौजूद मस्जिद अल हरम दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद है।
इसे ग्रैंड मस्जिद के नाम से भी पहचाना जाता है। इसके अलावा जबल अल-नूर में मौजूद गुफा और आबे जमजम भी काफी ज्यादा मशहूर हैं।
आबे जमजम के पानी को बहुत ही पवित्र मानते हैं। हाल ही में यहां पर 1,972 फीट लंबे अबराज अल बैत टावर्स बने हैं, जिसमें बड़ी सी घड़ी लगी है।
इसे मक्का टावर के नाम से जाना जाने लगा है। तो वहीं मदीना वो जगह है जहां पर पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब ने अपनी जिन्दगी के आखिरी पल बिताए थे। मक्का के बाद मदीना दूसरा सबसे पवित्र इस्लामिक शहर माना जाता है। मस्जिद अन-नबावी, कुबा मस्जिद और मस्जिद अल-किबलातेन यहां की सबसे प्रमुख मस्जिदें हैं।