नई दिल्ली: आतंकियों ने हमला करके नाक में दम कर रखा है. आतंकी हमलों के कारण काफी जवान शहीद हो गए हैं. पहले आतंकियों ने पठानकोट में हमला किया था, उसके बाद उड़ी और अब नगरोटा में हमला किया है जिसमे दो अधिकारी और सात जवान शहीद हो गये हैं. तीन आतंकी भी मारे गए हैं.
हमले के बाद तलाशी अभियान आज सुबह फिर तेज़ होगा. सेना द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, सुबह भारी हथियारों से लैस कुछ आतंकियों ने नगरोटा में कॉर्प्स मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर आर्मी यूनिट को निशाना बनाया. वे संतरियों पर फायरिंग करते हुए और ग्रेनेड फेंकते हुए दाखिल हो गए.
शुरुआती कार्रवाई में एक अफसर सहित दो जवान शहीद हो गए. आतंकी दो इमारतों में दाखिल हो गए जहां सैनिकों के परिवारवाले रहते हैं. सेना ने बताया कि सैन्य शिविर में बंधक जैसी स्थिति थी, लेकिन वहां से सभी 12 सैनिकों, दो महिलाओं और दो बच्चों को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले का पता चला तो कई क्वार्टर्स में रह रहीं अफसरों की पत्नियों ने घरों के दरवाजों को भारी समान से सटाकर बंद कर दिया. इसके चलते आतंकवादी वहां नहीं घुस पाए. उनकी सूझबूझ से बड़ी आफत टल गई. आर्मी चीफ़ जनरल दलबीर सिंह ने रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री को इस घटना के बारे में जानकारी दी है.
नगरोटा में सेना के 16वीं पलटन का मुख्यालय है. हमले को देखते हुए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बंद कर दिया गया. एहतियाती तौर पर जिला प्रशासन ने नगरोटा तहसील के सभी स्कूलों को बंद कर दिया.
वहीं सांबा के पास रामगढ़ में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास घंटों चली मुठभेड़ में बीएसएफ ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया. मुठभेड़ के बाद इस क्षेत्र में पाकिस्तानी सेनाओं ने जबरदस्त गोलीबारी भी की. इस घटना में बीएसएफ के उपमहानिरीक्षक सहित चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. जम्मू में दोनों आतंकी हमले ऐसे दिन हुए हैं, जब पड़ोसी देश पाकिस्तान में वहां के नवनियुक्त सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कमान संभाली है.