हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार रह चुकी समाजवादी पार्टी यूपी की सियासत में एक बेहद अहम पार्टी है। हम आपको यह भी बता दें कि इसी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री और जसवंतनगर से विधायक रह चुके शिवपाल यादव ने सपा को मजबूती देने वाले नेताओं में से एक है।
पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह जल्द ही अपनी राजनीति में एक बड़ा कदम उठाने का ऐलान कर सकते हैं। खबरों के मुताबिक अपने बागी तेवरों को अब खुलकर सामने लाने वाले शिवपाल ने आगे की पूरी प्लानिंग भी कर ली है।
सीधे कांग्रेस में शामिल की है तैयारी
सूत्रों के मुताबिक खबर है कि शिवपाल जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। खबर है कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद गुलाब नबी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के साथ शिवपाल की मुलाकात भी हो चुकी है। अब कभी भी शिवपाल राहुल गांधी से मुलाकात कर कांग्रेस ज्वाइन करने की घोषणा कर सकते हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले शिवपाल सिंह ने कहा था कि अब वे और ज्यादा इंतजार करने वाले नहीं है और जल्द ही अपने अगले प्लान की जानकारी देंगे। शिवपाल ने यह भी कहा था कि, अगर नेताजी हमारे साथ नहीं आते हैं तो वे नई पार्टी बनाने के बजाए कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
समाजवादी पार्टी के गढ़ में अब कांग्रेस खेलेगी राजनीति
फिलहाल शिवपाल के कांग्रेस में शामिल होने की बात पूरी तरह से फाइनल नहीं हुई है। लेकिन इन सबके बीच ही कोशिशें दोनें तरफ से की जा रही हैं। वहीं कांग्रेस का मानना है कि पार्टी में शिवपाल सिंह के आने से समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले उत्तर प्रदेश में वह अपनी साख भी मजबूत कर सकती है।
यूपी की सियासत में एक मजबूत और बड़े नेता हैं शिवपाल सिंह यादव
दूसरी तरफ शिवपाल हमेशा से ही यूपी की जमीन से जुड़े एक मजबूत नेता रहे हैं। उस हिसाब से शिवपाल के हर जिले में बड़े स्तर पर धाक होने के साथ उनके कार्यकर्ता है। ऐसे में शिवपाल अगर कांग्रेस में आते हैं तो ये सभी कांग्रेस के पाले में अपने आप शामिल हो सकते हैं। जिससे कांग्रेस यूपी में अपने लोगों की कमी को पूरा कर पाएगी।
नई पार्टी बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं
आपको बता दें कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले ही शिवपाल को लेकर पार्टी में काफी तनाव चल रहा था। वहीं मुलायम सिंह यादव से भी उन्हें कोई उम्मीद नहीं है। शिवपाल के लिए भी यह पूरी तरह साफ हो चुका है कि अब सपा में उनके लिए कुछ नहीं है। बता दें कि इससे पहले शिवपाल अलग पार्टी बनाने की भी कोशिश कर चुके हैं।
पार्टी से अलग होने के बाद भी नेताजी को रहेगा समर्थन
इस बार शिवपाल ने नई पार्टी बनाने से साफ इनकार कर दिया है। खबरों के मुताबिक शिवपाल का कहना है कि नई पार्टी बनाना अब उनके लिए नुकसान साबित हो सकता है। जिसकी वजह से अब नेता दूसरी पार्टी ज्वॉइन करना बेहतर समझ रहे हैं।
शिवपाल सिंह ने कहा था कि,
“हो सकता है कि मुलायम सिंह यादव उनके साथ आएं, लेकिन उनका आर्शीवाद हमेशा मेरे साथ बना रहेगा। हम नेताजी के साथ हमेशा खड़े रहेंगे।”