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दूसरी पार्टी से इस दिग्गज नेता ने जताई कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की इच्छा, साथ में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की दे डाली सलाह


हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में बसपा, सपा के गठबंधन के ऐलान के बाद अब कांग्रेस ने भी सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय कर लिया है. लेकिन अब बात कुछ ऐसी है कि इसी बीच कहानी में एक नया मोड़ आ गया है.

समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और अब प्रगितिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के नेता शिवपाल सिंह यादव ने यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन की इच्छा जताई है.

मैं कांग्रेस के साथ गठबंधन को तैयार

शिवपाल सिंह यादव ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि अभी तक हमारी कोई बात नहीं हुई है लेकिन हम तमाम सेकुलर पार्टियों को साथ आने का आह्वान करते हैं, इसमें कांग्रेस भी है. अगर कांग्रेस हमसे संपर्क करती है और मुझसे गठबंधन चाहती है तो मैं भी तैयार हूं. वहीं शिवपाल ने अखिलेश यादव और मायावती के गठबंधन को ठग बंधन बताया.

बीजेपी को हटाना लक्ष्य

शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य भाजपा को रोकना है. भाजपा देश को तोड़ कर रख देगी. बीजेपी को बिना कांग्रेस के रोकना असंभव बात होगी.

मैं कांग्रेस और राहुल गांधी के साथ हूं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. देश के लोग उनको पसंद करते हैं. शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस ही सक्षम है लेकिन इसके लिए उसे क्षेत्रीय स्तर पर मजबूत होना ही होगा.

बेहद मजबूत नेता हैं शिवपाल

बताते चलें कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौर में शिवपाल सबसे कद्दावर मंत्री हुआ करते थें और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी थें. यही वजह है कि शिवपाल सिंह यादव के पास पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक मजबूत नेताओं और कार्यकर्ताओं की फौज मौजूद है.

समाजवादी पार्टी के कई वरिष्ठ और युवा नेता अखिलेश यादव का साथ छोड़कर तेजी से शिवपाल सिंह यादव के साथ खड़े होते जा रहे हैं. शिवपाल सिंह की सभाओं में काफी भीड़ उमड़ती है.

उत्तर प्रदेश में बनेगा तीसरा मोरचा

यूपी में एक भाजपा गठबंधन है तो दूसरी ओर बसपा सपा का गठबंधन. अब इन दोनों को एक साथ धूल चटाने के लिए कांग्रेस ने भी तीसरे मोरचे का गठन करने का फैसला ले लिया है.

इसमे शिवपाल सिंह यादव, अपना दल कृष्णा गुट, राष्ट्रीय लोक दल, वामपंथी दल आदि भी साथ होंगे और सभी 80 लोकसभा सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेंगे. इसके साथ ही कांग्रेस की निगाह हर सीट पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के मजबूत और पूर्व प्रत्याशियों पर रहेगी, जिन्हें बेटिकट किए जाने की संभावना है.