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चौकाने वाली खबर, जयापुरा गाँव में 500 और 1000 के नोट बदलने पहुंची चप्पलें

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्षेत्र वाराणसी के गाँव जयापुरा जो कि उनका निर्वाचन क्षेत्र है वहां भी लोगों को बड़े नोटों को बदलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां लोगों ने चप्पल से लाइन लगाई है. चप्पल पर अपने नाम की स्लिप भी लगा रखी है जिससे कोई गफलत न हो.

तस्वीर में लाइन में लगी चप्पलें दरअसल पुराने 500 और 1000 के नोट बदलने के लिए लगी हैं. जी हां, आप सोच सकते हैं कि आखिर चप्पल कैसे नोट बदलेगी पर ये सच है, लोग सुबह 5 बजे से ही लाइन में लगे है 500, 1000 के पुराने नोट बदलने के लिए. खड़े-खड़े थक जाते हैं लिहाजा लाइन में अपनी चरण पादुका या कहें चप्पलों को ही लगा दे रहे हैं.

बिल्कुल वैसे ही जैसे रामायण काल में जब राम वन चले गए थे तो भरत ने उनकी खड़ाऊँ (लकड़ी की चप्पलें) रखकर 14 वर्ष राज पाठ किया था. तो भला इनकी चप्पल रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए कैसे नहीं 14 घंटे लाइन में लग सकती हैं.

इस लाइन में कई तरह की कहानी भी है. किसी लड़की को स्कूल जाने के लिए पैसा चाहिये तो किसी के घर में शादी है.

लोगों को लग रहा है कि नोट नहीं मिलेगा तो ज़िन्दगी ठप पड़ जाएगी. शहरों में तो कार्ड की स्वैपिंग हो जा रही है. पर इन्हें जिस गांव के बाजार से सामान खरीदना है वहां स्वैपिंग नहीं है.

लिहाजा लाइन में लग कर नोट बदलना ही एकमात्र उपाय है. पहले कमाने की ज़द्दोज़हद थी और अब नोट बदलने की है.

प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव जयापुर में पहले बैंक नहीं था. मोदी जी ने जब इस गांव को गोद लिया तो बैंक आ गया.

अब ये बैंक आस-पास के चार-पांच गांव के लिए बड़ा सहारा बन गया है. जाहिर है जब 500 और 1000 का नोट बंद हुआ तो नोट बदलने के लिए लोग यहां भीड़ तो लगाएंगे.