राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों में जी जान से जुटी हैं। उत्तर प्रदेश में भले ही लोकसभा चुनावों के मद्देनजर हुए सपा-बसपा महागठबंधन से कांग्रेस को दरकिनार कर दिया है लेकिन कांग्रेस अपने पूरे दमखम से चुनाव लड़ रही है।
कांग्रेस विरोधी खेमे में सेंधमारी कर रही है और इस कड़ी में सपा-बसपा के 4 पूर्व विधायकों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीतिक में एंट्री के बाद पार्टी में लगातार विपक्षी पार्टियों के शामिल होने का सिलसिला जारी है।
कांग्रेस विपक्षी पार्टियों से नाराज नेताओं को अपने खेमे में शामिल करने से गुरेज नहीं कर रही है। कांग्रेस में सपा और बसपा के नेता भी शामिल हो रहे हैं।
ब्रज क्षेत्र में मजबूत पकड़
राजबब्बर की अगुवाई में तीन पूर्व बसपा विधायकों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। बसपा के यह तीन पूर्व विधायक डॉक्टर धर्मपाल सिंह, सूरज पाल सिंह और भगवान सिंह कुशवाहा हैं। इन तीनों नेताओं की ब्रज क्षेत्र में मजबूत पकड़ है। जाहिर तौर पर कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में इसका फायदा मिल सकता है। इनकी एंट्री साबित करती है कि कभी सपा के गढ़ रहे ब्रज क्षेत्र में कांग्रेस ने सेंध मार दी है।
डॉ़क्टर धर्मपाल सिंह एत्मादपुर से बसपा विधायक रहे हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में धर्मपाल सिंह ने सपा प्रत्याशी प्रेम सिंह बघेल के खिलाफ जीत दर्ज की थी। एत्मादपुर वहीं सूरजपाल सिंह फतेहपुर सीकरी से विधायक रहे हैं। सूरजपाल सिंह ठाकुर वोटों पर खासा पकड़ रखते हैं। वहीं भगवान सिंह कुशवाहा खेरागढ़ से विधायक रहे हैं।
भगवान सिंह कुशवाहा बसपा से दो बार विधायक चुने गए हैं। उन्हें 2007 और 2012 के चुनावों में लगातार जीत मिली थी। कुशवाहा समाज और दलित वोटों पर इनकी खासी पकड़ रही है। 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में कुशवाहा के खिलाफ बीजेपी प्रत्याशी महेश कुमार गोयल ने जीत दर्ज की थी।
राज बब्बर के फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद उनके नेतृत्व में आगरा के एक और दिग्गज नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं। आगरा के एक भरोसेमंद नेता केशव दीक्षित भी बसपा से त्यागपत्र देकर एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।