आपको यह जानकर काफी आश्चर्य होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बाद गाजीपुर में बवाल हुआ। हम आपको बता दें कि पहले खबर आई कि रैली से लौट रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा के कार्यकर्ताओं की झड़प हो गई।
इसमें पत्थरबाजी की घटना हुई। सूचना के मुताबिक, इस बवाल को पुलिस ने शांत करा लिया लेकिन इसके बाद थाना नोनहरा के कठवा मोड़ पुलिस चौकी के पास पुलिसकर्मियों पर पथराव हो गया जिसमें कांस्टेबल सुरेश वत्स की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी की वीआईपी ड्यूटी से वापस जा रहे पुलिसकर्मियों पर पथराव हुआ। निषाद समाज के लोग आरक्षण की मांग को लेकर धरना दे रहे थे कि वहां भीड़ उग्र हो गई और जा रहे पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया।
इस घटना में करीमुद्दीन थाने में तैनात कांस्टेबल सुरेश वत्स की मौत हो गई। इस बवाल में कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है।
शास्त्री घाट पर किया प्रदर्शन
जिस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गाजीपुर और अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में करोड़ो की सौगात जनता में बांट रहे थे, ठीक उसी वक्त एनडीए गठबंधन में शामिल और सरकार में सहयोगी की भूमिका वाली ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कार्यकर्ता वाराणसी के शास्त्री घाट पर पीएम मोदी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
ये नजारा वाराणसी के शास्त्रीय घाट का है जहां धरने पर बैठे लोग अपने ही सरकार के खिलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे। शनिवार का दिन भी शायद इसलिए भी चुना गया क्योंकि, प्रधानमंत्री शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र में है। दरअसल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के लोगों की मांग है की पिछड़ों के 27 प्रतिशत आरक्षण का विभाजन किया जाये और इसमें दूसरे जातियों को भी जोड़ा जाये।
प्रधानमंत्री ने महाराजा सुहेलदेव पर डाक टिकट भी जारी किया। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी इन्हे अपना आदर्श मानकर राजनीति करती है।
बीजेपी कहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मतदाताओं में सेंध न लगा दे। शायद इसलिए भी पार्टी बौखलाई हुई है और कह रहे हैं, महाराजा सुहेलदेव के नाम के आगे राजभर क्यों नहीं लगाया जा रहा है।