पुराने नोटों पर पूरी तरह रोक लगाने पर सरकार विचार कर रही है. एनडीटीवी को यह जानकारी सूत्रों से मिली हैं. बता दें कि गुरुवार को नोट बदलवाने की सीमा 4500 रुपये से कम करके 2000 रुपये कर दी गई थी. लेकिन सूत्रों के मुताबिक सरकार को लगता है कि इस प्रस्ताव का गलत फायदा उठाया जा सकता है और यह ‘बैंकिंग सिस्टम में बाधा’ पैदा कर सकता है.
इससे संबंधित कुछ खबरों में दिखाया गया है कि किस तरह 500 और 1000 रुपये के नोट बदलने के लिए एक ही व्यक्ति बार बार आ रहा है. इस वजह से जो जरूरतमंद हैं उन्हें पैसा नहीं मिल पा रहा है. पांच सौ और हज़ार रुपये के नोटों पर बैन लगने के बाद सरकार ने कहा था कि इन पुराने नोटों को साल के अंत तक बैंक में जमा करवा दिया जाए. उसके बाद घोषणा की गई कि फिलहाल के लिए चार हज़ार रुपये तक के पुराने नोटों को पांच सौ और 2 हज़ार रुपये के नए नोटों से बदला जा सकता है. इसी हफ्ते इस सीमा को बढ़ाकर 4500 रुपये कर दिया गया था जिसे गुरुवार को 2000 रुपये कर दिया गया.
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने माना है कि इसके सबूत देखने को मिले हैं कि नए नोट लेने के लिए किसी और के लिए कोई और लग रहा है या फिर एक ही व्यक्ति बार बार लाइन में लग रहा है.