ठाणे: आने वाले कुछ दिनों के बाद नर्सरी क्लास के लिये एडमिशन शुरू होने वाले हैं। शहरों में जितने भी बड़े स्कूल होते हैं वहां पर बड़े बच्चों को एडमिशन नहीं मिलता है। लेकिन एक ऐसा भी स्कूल है जहाँ पर एडमिशन लेने के लिये कमसे कम 60 वर्ष की आयु होनी चाहिए। हो सकता है कि आपको इस बात पर यकीन न हो। यह अद्भुत स्कूल महाराष्ट्र राज्य के ठाणे जिले में है और इस स्कूल का एक वर्ष पूरा हो गया है। इस स्कूल का नाम आजीबाईची शाला है।
ड्रेस कोड है इस स्कूल में
इस स्कूल को खोलने का आइडिया क्षेत्र के योगेंद्र बांगड़ कि बुद्धि में आया था। मोतीराम चैरिटेबल ट्रस्ट के संग सम्मिलित होकर पिछले वर्ष 17 फरवरी को इस स्कूल शुरूआत की थी ।इस स्कूल में मोतीराम चैरिटेबल ट्रस्ट ने महिलाओं को स्कूल के लिए स्कूल बैग, एक स्लेट, गुलाबी साड़ी और चॉक पेंसिल जैसे आवश्यक सामान सहित कक्षा के लिए ब्लैकबोर्ड मौजूद कराता है।
इस स्कूल में प्रवेश लेने के लिए कम से कम 60 वर्ष और अधिक से अधिक 90 वर्ष होनी चाहिए। यहां का ड्रेस कोड गुलाबी है। अर्थात यहां महिलाएं गुलाबी साड़ी पहनती हैं। इस स्कूल में फिलहाल अभी 29 महिलाएं पढ़ती हैं।
योगेंद्र बांगड़ ने बताया हैं कि आरंभ में यहां महिलाएं आने से संकोच करती थीं। महिलाओ को लगता था इस उम्र में पढ़ना ठीक नहीं रहेगा। फिर महिलाओ को जागरूक किया गया और शिक्षा की महत्व बताया गया।
शीतल ने बताया जो स्कूल की शिक्षक है जब यहां महिलाएं आती हैं तो उन्हे ब्लैकबोर्ड पर लिखी गये शब्द समझ नहीं पाती है। यहां आने के पश्चात वह दस्तखत करना आरंभ कर देती हैं। योगेंद्र बांगड़ ने जानकारी दी कि यहां महिलाओं की पढ़ाई हिंदी और मराठी वर्णमाला से आरंभ कराई जाती है।
आजीबाईची शाला स्कूल में पढ़ने वाली कांता मोरे ने बताया कि अब वह अपने दस्तखत कर पा रही हैं। उन्हें यह करना बहुत अच्छा लगता है। एक अन्य ने जानकारी दी कि यहा पढ़ने के बाद वह अपनी पोती की किताब पढ़ लेती हैं।
योगेंद्र बांगड़ ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस देश में प्रत्येक व्यक्ति शिक्षित हो। इस सोच को पूर्ण करने के लिए शिक्षित व्यक्तियो को अपने लेवल से पहल करनी होगी।