हम आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के 4 सीनियर जजों ने शुक्रवार यानि 12 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देश में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इन चार जजों का नाम: जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस मदन लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रंजन गोगोई है और इन्होंने चीफ जस्टिस के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाते हुए अपनी शिकायत मीडिया के सामने रखी थी।
इस दौरान चीफ जस्टिस के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाले जस्टिस चेलामेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि न्यायपालिका के इतिहास में यह घटना ऐतिहासिक है। पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों को सामने आना पड़ा है। चेलामेश्वर ने कहा कि पिछले 2 महीने से सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक से नहीं चल रहा है।
उन्होंने अपने बयान में लोकतंत्र खतरे में होने की बात भी कही थी। उनकी इस बात पर सोशल मीडिया में तरह तरह की प्रतिक्रिया आ रही हैं। सरकार के नाराज लोगों ने उनके इस बयान को मोदी सरकार से जोड़ते हुए बीजेपी सरकार को इसके लिए जम्मेदार ठहराया। इसी विवाद पर अब जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी ने भी ट्वीट किया हैं।
उन्होंने ट्वीट करके लिखा है कि आजकल हर क्रांतिकारी का प्रिय जुमला है-देश में लोकतंत्र ख़तरे में है! कहीं ज़रूरत से ज़्यादा लोकतंत्र ही देश के लिए ख़तरा तो नहीं? उनकी ये टिप्पणी खासतौर पर किसके लिए थी ये तो साफ नहीं हो पाया लेकिन उनके इस ट्वीट पर कई लोग उनके विरोध में जरूर उतर आए।
सुधीर चौधरी को ट्विटर पर कई यूजर्स ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है. उनमें से प्रशांत भूषण के अनऑफिसियल ट्विटर हैंडल ने लिखा कि, ‘अंग्रेज़ो के तलवे चाटने वाले संघियो और भाजपाइयों की गुलामी करने वाले चाटुकारों को कभी लोकतंत्र रास नहीं आया । इसीलिए संघियो ने 52 साल तक नागपुर में तिरंगा नही फहराया और अब ये तिहाड़ी लोकतंत्र पर ज्ञान दे रहा है.’
इसके अलावा शोबी यूजर ने लिखा कि, ‘THIS IS FOR U “GODI”MEDIA, हुक़ूमत मुंह भराई के हुनर से ख़ूब वाक़िफ़ है ये हर कुत्ते के आगे शाही टुकड़ा डाल देती है.’