हम आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग NJAC पर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है.
पीठ ने कहा कि याचिका में कोई मेरिट नहीं है और दाखिल करने में देरी के कारण खारिज किया जा रहा है. याचिका दाखिल करने में 470 दिनों की देरी का भी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है.
ये याचिकाएं दाखिल होने के 19 माह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई थीं. हालांकि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसफ, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने चेंबर में इसकी सुनवाई की.
इससे पहले 16 अक्टूबर 2015 को एेहतिहासिक फैसला सुनाते हुए 5 जजों की संविधान पीठ ने मोदी सरकार के राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग NJAC को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था, जिससे 22 साल पुराना कोलेजियम सिस्टम वापस आ गया था.