जैसा कि आप सब जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी पार्टी पहले से ही कई बार सवालों के घेरे के साथ में आती रही हैं। आप खुद इस चीज से वाकिफ होंगे कि कहीं पार्टी में बढ़ती मोदी की ताकत तो कहीं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की गुंडागर्दी की खबरें।
भारतीय जनता पार्टी अपने ही नेताओं को लेकर विवादों में घिरती आई हैं। इससे पहले तो पार्टी में कई बार आंतरिक खलबली भी देखने को मिली हैं जहां पार्टी के ही नेताओं ने अपनी सरकार को सदन में घेरा है।
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा आए सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर
हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा के भी गलत कॉन्ट्रोवर्सी के चलते विवादों में आने की खबर हैं।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने संबिता पात्रा को नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड का इंडिपेंडेंट डायरेक्टर बनाए जाने पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार से जवाब पेश करने की मांग की है।
पार्टी ने दी नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के इंडिपेंडेंट
डायरेक्टर की उपाधि
बीजेपी ने संबिद पात्रा को नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड का इंडिपेंडेंट डायरेक्टर बना दिया है। इस दौरान एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इसका जवाब मांगा है कि आखिर संबित पात्रा केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएसयू ओएनजीसी के स्वतंत्र डायरेक्टर किस आधार पर बनाए गए हैं।
संबित पात्रा के पास नहीं आवश्यकता अनुसार योग्यता- SC
याचिका में सवाल उठाया गया है कि मौजूदा पद के लिए संबिता पात्रा कहीं से भी आवश्यक योग्यता नहीं रखते हैं। वहीं वे 27 लाख रुपये का सालाना वेतन भी किस आधार पर लेते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश इस पद के खिलाफ दाखिल की गई एक याचिका की सुनवाई के दौरान जारी किया है। इस मामले पर सरकार को भी अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है।
कोर्ट ने पार्टी को दिया अपना पक्ष रखने का मौका
पार्टी के प्रवक्ता संबिता पात्रा को नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड का इंडिपेंडेंट डायरेक्टर बनाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में हस्तक्षेप करने से पार्टी को तकलीफ जरुर हुई है।
वहीं पार्टी के पास अपना पक्ष रखने का भी मौक है। सरकार मामले पर अपना जवाब जरुर देगी उसके बाद सरकार के जवाब से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं होता तो आगे क्या कार्रवाई की जाएगी यह देखना होगा।