लखनऊ: हम आपको बता दें कि ताजमहल के संरक्षण एवं रखरखाव पर सु्प्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को जमकर फटकार लगाई है। हम आपको यह भी बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार द्वारा इस मामले में ड्राफ्ट दाखिल करने पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि आपने यह ड्राफ्ट क्यों दाखिल किया है, क्या हमे इसे सही करना पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस लोकुर ने कहा कि इस मामले में किसी एक अधिकारी के पास अधिकार होना चाहिए और उसी पर इसकी जवाबदेही होनी चाहिए।
जस्टिस लोकुर ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि प्रशासन ने ताज की जिम्मेदारी से अपने हाथ धो लिए हैं, हम ऐसी स्थिति में हैं जहां विजन डॉक्युमेंट को बिना एएसआई को सम्मिलित किए तैयार किया गया है।
वहीं यूपी सरकार की ओर से एजी केके वेणुगोपाल ने कोर्ट में कहा कि एएसआई ताज ट्रेपेजियम जोन में उद्योग को स्थानांतरित करने के लिए जिम्मेदार नहीं है।
यूनेस्को दार्जिलिंग रेलवे स्टेशन नको अपनी हेरिटेज जोन की लिस्ट से हटाने की तैयारी कर रही है, ऐसे में अगर ताज महल को अगर इस लिस्ट से हटा दिया गया तो यह काफी शर्मिंदगी भरा हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि ताजमहल की रखरखाव और संरक्षण के लिए एक अधिकारी का चयन करे और इसके मेंटेनेंस का जिम्मा उसे सौंपे। साथ इसे ताज ट्रेपेजियम जोन से छुटकारा दिया जाए। गौर करने वाली बात है इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ताजमहल के आसपास हो रहे निर्माण पर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद यूपी सरकार ने इसके रख रखाव के लिए ड्राफ्ट कोर्ट में पेश किया था।