नई दिल्ली: जग्गी वसुदेव जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरु माने जाते हैं उनके ईसा फाउंडेशन पर आदिवासी महिलाओं ने जमीन हड़पने के मामले में केस कर दिया है।
पीएम मोदी के गुरु के नाम से जाने वाले जग्गी वसुदेव पर कोयम्बटूर के जंगल मे रहने वाली आदिवासी महिलाओं से जमीन हड़पने का मामला अदालत में चल रहा है मामले ने तूल जब पकड़ लिया जब पीएम मोदी वासुदेव के आश्रम में पहुचे तो मीडिया ने कहा ये तो गरीब आदिवासी महिलाओं की जमीन है जिसपर योग के लिए कब्जा किया गया है।
महिलाओं ने पहले आश्रम के अधिकारी से बात की हमे थोड़ी सी जमीन दे दें जब कोई नही माना तो महिलाओं ने अदालत में लड़ाई छेड़ दी है सीपीआईएम संगठन ने भी महिलाओं का साथ दिया है।
आश्रम में मोदी
जमीन विवाद मामले की पीआईएल होने पर पीएम मोदी कुछ ही दिन पहले आश्रम पोहचे थे ज़ह पर उन्होंने खुद अपने हाथ से असजर्म में भगवान शिव की मूर्ति का उदघाटन किया था काफी लोगो ने पीएम के वहा जाने से मना किया था पर वह नही माने। ईसा पर हाथी पंथ बन्द होने का भी आरोप है।
हुआ ये की अब हाथी गॉव से ही जाते है जिसमे गॉव का कुछ भी जान माल का नुकसान हो सकता मामला अभी गम्भीर बना हुआ है।
खबरों की माने तो मोदी के आने से पहले आदिवासी महिलाओं की झोपड़ी पर कुछ मेहमान पहुचे जिसमे दो पुलिस वाले ओर चार सिपाही थे उन्होंने आदिवासी महिला से मोदी के सामने आने से मना कर दिया महिला के नही मानने पर महिला को वही की झोपड़ी में बंधी बना लिया गया।
जग्गी वासुदेव ने ईसा फाऊंडेशन पर महिला द्वारा लगाया गया अवैध कब्जे की बात को सरासर गलत बताया है उन्होंने कहा महिला का बयान झोठा है हमने कोई भी जमीन पर कब्जा नही किया है ये हमे बदनाम करने की साजिश है।
जग्गी ने कहा सारी कानूनी तहकीकात करने के बाद इस पर फैसला लिया गया था कोयम्बटूर ने भी इसकी जांच कर ली थी।
फाऊंडेशन पर आरोप है कि उनकी वजह से हाथियों का परम्परागत रथ बन्द हो गया है जिसे हाथी गोव से निकलते है और ज्यादातर नुकसान करते