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जानिये क्यों 110 सालों में पहली बार बंद रहा लखनऊ का मशहूर ‘टुंडे कबाब’

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने के बाद अवैध बूचड़खानों को बंद करने के कारण गोश्त की सप्लाई बिलकुल ठप पड़ गई है. नॉन वेज होटलों पर भी इसका असर देखने को मिला। लखनऊ का मशहूर ‘टुंडे कबाब’ का होटल भी इसी कारण बुधवार के दिन बंद रहा.

‘टुंडे कबाब’ के मालिक उसमान ने योगी सरकार के फैसले पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि इस तरह तो पूरा व्यापार ही ठप्प हो जाएगा। जब गोश्त नहीं मिलेगा तो दुकान कैसे चलेगी। वहीं ‘टुंडे कबाब’ के संचालक अबू बक्र ने बताया कि टुंडे कवाब का स्वाद लेने देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। आखिर सरकार पर्यटकों को क्या संदेश देना चाहती है।

ग़ौरतलब है कि लखनऊ में कोई वैध स्लॉटर हाउस नहीं है। जिसकी वजह से मीट की सप्लाई शहर में तकरीबन ठप्प हो गई है। खबरों के मुताबिक 31 मार्च के बाद मीट की कमी में और इज़ाफा हो सकता है, क्योंकि मांस बिक्री के लाइसेंस का रिन्यूअल रोक दिया गया है।

दूसरी तरफ नगर निगम ने छापेमारी भी शुरू कर दी। इसमें सड़क के किनारे खुली मीट की दुकाने भी आ गई और नगर निगम ने इनका सामान ज़ब्त कर लिया। स्थानीय लोगों के अनुसार बहुत सी चिकन की दुकाने भी बंद कर दी गई। ज़्यादातर दुकाने पटरी पर अवैध रूप से चल रही थी।

कुरैश वेलफेयर फाउंडेशन के महामंत्री मो. शहाबुद्दीन कुरैशी बताते हैं कि राजधानी में बड़े पशुओं के मीट की खपत रोजाना 20 टन से ज्यादा की है। एक दिन में मीट का कारोबार करीब 50 लाख रूपये का है। उनका कहना है कि स्लॉटर हाउस सील होने से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।