अलीगढ़: मदरसों की व्यवस्थाओं को सुधारने और गड़बड़ियों को रोकने के लिए सरकार नई कवायद शुरू कर रही है. मदरसों को ऑनलाइन किया जा रहा है. इससे सभी जानकारी ऑनलाइन हो जाएंगी. ऐसा होने पर एक ही मान्यता से अलग-अलग स्थानों पर मदरसों का संचालन नहीं हो सकेगा. इसके अलावा छात्रवृत्ति में भी फर्जीवाड़े की शिकायतें नहीं रहेंगी.
यदि किसी मदरसे के संचालक ने जानकारियों को ऑनलाइन अपडेट न किया तो मान्यता निरस्तीकरण की कर्रवाई होगी. इसके लिए अल्पसंख्यक विभाग ने कार्य शुरू कर दिया है. इसके तहत मदरसों का सर्व तथा ऑनलाइन के लिए व्यवस्थाएं की जायेंगी. ज़िले में कुल 104 मदरसे हैं इनमें से 100 सरकारी मदरसा मान्यता प्राप्त हैं. 4 सरकारी हैं. इन मदरसों छात्रवृत्ति को लेकर हर साल गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं. कई जगह तो एक मान्यता पर दो मदरसों का संचालन किया जा रहा है. अनुदान के हिसाब से बच्चों को शिक्षा ही नहीं दी जाती. कई मदरसे तो कागजों में ही चल रहे हैं. आरोपों के चलते कई मदरसों की जांच चल रही है.
पोर्टल की हुई शुरुआत: धांधली को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने नई तैयारी की है. एक ऐसा पोर्टल तैयार किया गया, जिससे सूबे के सभी मदरसों को इससे जोड़ा जाएगा. इस पोर्टल की मदद से मदरसों की शिक्षा-वयवस्था को सुधारने में भी मदद मिलेगी, साथ ही मदरसों की वयवस्था को पारदर्शी बनाया जा सकेगा. वेतन भुगतान, छात्रवृत्ति सहित तमाम दिक्कतों का निपटारा ऑनलाइन ही किया जाएगा. पोर्टल पर मदरसों की फोटो भी अपलोड की जाएंगी. इसके अलावा वेबसाइट पर शिक्षकों के स्वीकृत पद, तैनातन कर्मचारी और रिक्त पदों का ब्योरा भी होगा.
काम हुआ शुरू: शासन से आदेश मिलते ही जिले में अल्पसंख्यक विभाग ने मदरसों को ऑनलाइन करने के लिए काम शुरू कर दिया है. जिला अल्पसंख्यक अधिकारी डॉक्टर अमृता सिंह ने यह बताया कि सभी मदरसों के संचालकों ने इसपर काम करना शुरू कर दिया है.