हम आपको बता दें कि एबीपी न्यूज़ चैनल पिछले कुछ दिनों से गोदी मीडिया की कतार में खड़ा हो चुका है. आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी कि पिछले कुछ दिनों से बीजेपी और आरएसएस के दबाव में सरकार पर सवाल उठाने वाले कई वरिष्ठ पत्रकारों की छुट्टी कर दी थी, उन्हीं में से एक बड़ा नाम था मिलिंद खांडेकर का.
1. सरकारी दबाव में आने से इंकार
मिलिंद खांडेकर एबीपी न्यूज़ के पूर्व मैनेजिंग एडिटर के पद पर कार्यरत थें. वह पिछले 14 सालों से एबीपी न्यूज़ के साथ जुड़े हुए थें. पिछले अगस्त में हुए घटनाक्रम के बाद मिलिंद ने एबीपी न्यूज़ से खुद को अलग कर लिया था. उसी दौर में अभिसार शर्मा को भी सरकारी दबाव में लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया था.
2. किया बीबीसी ज्वाइन
मिलिंद को एबीपी न्यूज़ से बड़ा बैनर मिल गया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैं बीबीसी के साथ डिजिटल एडिटर ऑफ इंडिया के साथ जुड़ रहा हूं. आपके समर्थन के लिए धन्यवाद.
3. आलोचनात्मक कवरेज के कारण हुई थी छुट्टी
मिलिंद खांडेकर के इस्तीफे के दौरान यह खबर तेजी से चली थी कि उनकी छुट्टी प्राइम टाइम शो में छत्तीसगढ़ से जुड़ी सरकार की आलोचनात्मक खबर दिखाने की वजह से हुई थी.
निष्कर्ष:
काबिल इंसान के लिए बैनर मायने नहीं रखता, एक जाता है तो दूसरा आता है.