हम आपको बता दें कि भक्तों के अन्दर से गुजरात चुनाव की जीत का नशा अभी तक नहीं उतरा है जिसके कारण इन लोगों को अपने आस-पास हो रही राजनीतिक घटनाओं के बारे में खबर नहीं है| जैसा कि आप सब जानते हैं कि मीडिया भी गुजरात चुनाव की खबरें दिखाने में व्यस्त है जिसके कारण और दूसरी ज़रूरी ख़बरों के बारे में लोगों को नहीं पता है| यह सब होने के बावजूद भी ऐसी खबर आ रही है जिससे राजनीतिक दुनिया में तहलका मच गया है|
क्या है पूरा मामला
इस समय जो खबर आ रही है उसके अनुसार जनता यूनाइटेड दल (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के बर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बहुत तगड़ा झटका लगा है | असल में हुआ कुछ ऐसा है कि केरल के जेडीयू अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वीरेंद्र कुमार ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है और इस फैसले से नीतीश कुमार को बहुत बड़ा झटका सा लगा है |
क्या है इस इस्तीफे की वजह
दरअसल वीरेंद्र कुमार के इस इस्तीफे के पीछे जो वजह बताई जा रही है वो ये है कि नीतीश कुमार ने जो भाजपा के साथ गठबंधन किया है उससे दोनों के बीच वैचारिक मतभेद पैदा हो गये हैं |
वेंकैया नायडू को दिया इस्तीफ़ा
वीरेंद्र कुमार ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने अपना इस्तीफ़ा राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को सौंप दिया है और ये भी बताया कि वो कानूनी तौर से नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के उच्च सदन के सदस्य हैं |
उन्होंने कहा कि वो नीतीश कुमार द्वारा महागठबंध तोडकर एनडीए से गठबंधन करने से सहमत नहीं है और यही वजह रही है जो उन्होंने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है |
मैं बोझ बनना नहीं चाहता हूँ
वीरेंद्र कुमार से जब मीडिया ने इस संदर्भ में विस्तार से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें ये राज्यसभा सीट पिछले साल ही मिली थी जब वो केरल में सोशलिस्ट जनता डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ थे |
ये पार्टी कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ का हिस्सा थी | उन्होंने ये भी बताया कि उनके निर्वाचन के बाद एसजेडी का जेडीयू में विलय हो गया | भाजपा और नीतीश के गठबंधन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “मैं नीतीश कुमार के साथ जुड़ने के आरोपों को लेकर यूडीएफ पर बोझ बनना नहीं चाहता हूँ|”
गुजरात चुनाव पर भी दी राय
नीतीश कुमार की जेडीयू की तरफ से वीरेंद्र को केरल के अध्यक्ष पद से पहले ही हटा दिया गया था और उनको अप्रैल 2016 में राज्यसभा भेज दिया गया | अभी खत्म हुआ गुजरात चुनाव पर वीरेंद्र ने कहा कि ये नरेन्द्र मोदी की जीत नहीं है बल्कि इसकी वजह कुछ और ही है |
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