उत्तर प्रदेश के चुनाव के बाद अब गुजरात चुनाव में विपक्ष बीजेपी पर लगातार ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ का आरोप लगा रही है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के एमसीडी चुनाव में भी ईवीएम मशीन में गड़बड़ी होने की बात कही थी। आपको बता दें कि कई जगह पर ईवीएम मशीन में गड़बड़ी पाई गई है।
गुजरात चुनाव को भी लेकर सोशल मीडिया पर पहले से ही ये आशंका जतायी जा रही थी कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए ईवीएम से छेड़छाड़ करवाएगी। बीते रोज चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव का एलान कर दिया है।
चुनाव आयोग ने बताया कि गुजरात चुनाव दो चरणों में 9 और 14 दिसंबर को होंगे। इस बार वोटिंग के लिए वीवीपैट (VVPAT) मशीनों का इस्तेमाल होगा।
और संयोग से कल ही मतदान के लिए चुने गए 138 VVPAT मशीनों में गड़बड़ी पायी गई है। इन VVPAT का इस्तेमाल गुजरात के सुरेंद्रनगर जिला में किया जाना था।
फिलहाल इन VVPAT मशीनों को वापस बैंगलोर की कंपनी में भेज दिया गया है। वीवीपैट मशीनों को काफी सुरक्षित बताया जाता है लेकिन इस तरह की गड़बड़ी सामने आने से वीवीपैट की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाने लगे हैं।
वीवीपीएटी मशीनें क्या हैं और ये कैसे काम करती हैं?
वोटर वेरीफ़ाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी (VVPAT) एक तरह की मशीन होती है, जिसे ईवीएम के साथ जोड़ा जाता है।
इसका फायदा यह होता है कि जब कोई भी शख्स ईवीएम के जरिए अपना वोट देता है तो वोटिंग के तुरंत बाद VVPAT से काग़ज़ की एक पर्ची प्रिंट होकर निकलती है। इस पर्ची पर उस उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिह्न छपा होता जिसे वोट दिया गया होता है।