नई दिल्ली। बड़े नोट बंद होने से आम आदमी बहुत परेशान है। आज रविवार है और आज भी बैंक खुलेंगे। पैसा बदलने वालों की लंबी लाइन बैंकों के बाहर सुबह से ही लगी हुई है। सरकार के इस फैसले से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आम जनता इस फैसले को लेकर सरकार पर अंगुली उठा रही है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने आम जनता के सवालों पर कहा है कि उन्हें जो कहना है वह कहें, हमें जो कहना और करना है हम कहेंगे। सरकार ने साफ कर दिया है कि हालात सुधरने में अभी तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय लग सकता है। यूपीए सरकार में मंत्री रहे सलमान खुर्शीद का कहना है कि पीएम मोदी द्वारा पहले शुरू किया गया स्वच्छ भारत अभियान पूरी तरह से फ्लॉप रहा था। ऐसे ही इस बार नोट बंदी मामले में भी वह विफल रहेंगे। बाबा रामदेव ने भी कहा है कि इस नई योजना से लोगों को दिक्कत हो रही है, जिसके लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए।
सरकार व रिजर्व बैंक की मुस्तैदी के बावजूद बैंकों व एटीएम के पास पर्याप्त नकदी नहीं पहुंच पाई और लोगों की भीड़ नए नोट लेने के लिए बैंक व एटीएम के चक्कर लगा रही है। इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि जनता की यह परेशानी अभी दो से तीन हफ्तों तक और बरकरार रह सकती है। सरकार का कहना है कि जनता को परेशान होने की जरुरत नहीं क्योंकि आरबीआइ के पास पर्याप्त नए नोट हैं।
आम जनता की परेशानियों और सामान्य बैंकिंग सेवा हासिल करने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कल आरबीआइ व देश के प्रमुख बैंकों के साथ अहम बैठक भी की है। बैठक के बाद उन्होंने जनता को हो रही दिक्कतों का खेद जताया लेकिन जनता से यह भी आग्रह किया कि वह धैर्य से काम ले। जेटली ने माना कि यह बहुत बड़ा काम है और इसे रातों रात संपन्न नहीं किया जा सकता। पुराने 500 व 1000 के नोट बदलने का काम 30 दिसंबर तक जारी रहेगा। जेटली ने कहा कि जहां तक बैंकों के एटीएम के सामान्य तौर पर करने की बात है तो इसमें दो से तीन हफ्ते का समय लगेगा।वित्त मंत्री ने कहा है कि 500 के नोटों की छपाई जारी है और इसे जल्द ही बैंकों तक पहुंचा दिया जाएगा। जिन लोगों को बैंक या एटीएम से दो हजार के नोट मिल रहे हैं उन्हें बाजार में इसका खुदरा करवाने में दिक्कत हो रही है।
देश में दो लाख से ज्यादा एटीएम हैं और उन्हें नए नोट के मुताबिक संचालित करने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर काम चल रहा है। इन मशीनों के स्विचिंग गीयर ले लेकर हर एक मशीन में बदलाव करने होंगे जिसमें वक्त लग रहा है। असलियत में देश के एटीएम को नए नोटों को तैयार करने के लायक अभी बनाया भी नहीं जा सका है और न ही नए 500 के नोट को प्रचलन के लिए उतारा जा सका है।