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सर सैयद अहमद खान के कारनामों को याद रखना ज़रूरी

we must remember about what sir syed ahmad khan have done in the field of education and for muslims

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ऑफ़ लॉ ने के दूसरे सर सैयद मोट कोर्ट मुकाबला 2017 का इनाकाद किया. इलाहबाद हाई कोर्ट जस्टिस बी अमित इस्थालकर ने अपने ख़िताब में कानून के स्टूडेंट्स को उनके सब्जेक्ट के मुताल्लिक मालूमात फराहम कीं. जस्टिस बी अमित इस्थालकर ने ख़िताब करते हुए कहा सर सैयद अहमद खान नए हिन्दुस्तान के मामार थे. सर सैयद ने हमेशा ग़रीब और पिछड़े लोगों को   बाइख्तियार बनाने में तालीम अहेम किरदार को वाज़ेह किया.

सर सैयद ने जिन हालात में तालीम की एहमियत को वाज़ेह किया था वह जहालत का दौर था लेकिन उनकी नज़र भविष्य को देख रही थी. उन्होंने    स्टूडेंट्स से रूबरू होते हुए कहा कि फ्रांस के इंक़लाब के बाद हालात बदले. अवाम को आइन मिला है. उन्हों ने कहा कि कानून के स्टूडेंट्स को इंसानियत की खिदमत की नियत से उस में दाखिल करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा जो नए स्टूडेंट्स कानून की पढ़ाई करने आयें वह भी    पढ़ने की आदत डालें.

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