हम आपको बता दें कि भारतीय राजनीति में कांग्रेस के एकाधिकार को सीमित करने वाली पार्टी बीजेपी में अनेकों महिला नेता हैं जिन्होंने अपना अलग मुकाम हासिल किया है. हम आपको यह भी बता दें कि इस दल में असफल महिला नेताओं की भी कमी नहीं है.
उन्होंने कोशिश तो बहुत की तो लेकिन किसी न किसी कारण से पद प्राप्त करने के बावजूद जनता के दिलों में जगह नहीं बना पाईं. ऐसी ही कुछ महिला नेताओं के बारे में आज हम चर्चा कर रहे हैं.
1. स्मृति ईरानी
भला स्मृति ईरानी के बारे में कौन नहीं जानता होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे खास मानी जाने वाली ईरानी ने दो दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन कभी भी जीत नहीं पाई और हर भार भारी मतों के अंतर से पराजित हुई.
हारने के बावजूद स्मृति को राज्यसभा के रास्ते मोदी ने शिक्षा मंत्री बनाया. स्मृति की डिग्री भी शक के दायरे में थी फिर भी उसे शिक्षा जैसा अहम विभाग दे दिया गया.
स्मृति ने इस विभाग की ऐसी बैंड बजाई कि पूरा देश उनके विरोध में उठ खड़ा हुआ. ईरानी को इस विभाग से हटा दिया गया और कपड़ा मंत्री बना दिया गया.
2. सुषमा स्वराज
भाजपा के स्थापना काल से ही पार्टी को अपने खून पसीने से सींचा. उन्होंने अटल आडवाणी के बाद पीएम का उम्मीदवार माना जाता था लेकिन नरेंद्र मोदी के तिकड़मों के आगे सुषमा बेबस हो गई.
मोदी सरकार में सुषमा को विदेश मंत्री जरुर बनाया लेकिन पूरे कार्यकाल वो विदेश मंत्री जैसा कुछ करती नजर नहीं आईं. विदेश मंत्री नाम की सुषमा थीं और पूरा विदेश मोदी घूमते हैं. सुषमा ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है.
3. उमा भारती
मध्य प्रदेश में उमा के नाम पर 2003 में भाजपा को बहुमत मिला. बड़े नेताओं ने साजिश रच कर साल के भीतर उमा भारती को निपटा दिया. भाजपा से अलग पार्टी बनाने के बावजूद उमा को खास सफलता नहीं मिली.
2014 में मोदी सरकार में उन्हें गंगा सफाई का जिम्मा सौंपा गया, उमा यहां भी बुरी तरह से फेल हुई. 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ने से उन्होंने इंकार कर दिया है.
4. हेमा मालिनी
फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी भारी मतों से यूपी की मथुरा सीट से चुनाव जीतने में कामयाब हुई. उनके पति धर्मेंद्र भी राजस्थान की बीकानेर सीट से भाजपा के सांसद रह चुके हैं.
हेमा मालिनी उम्र और अनुभव में भी स्मृति ईरानी से आगे हैं लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बन गया. हेमा की भी चुनाव लड़ने की उम्मीद काफी कम है.
5. शाजिया इल्मी
न्यूज चैनल की दुनिया से निकल कर अन्ना आंदोलन के रास्ते अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की बड़ी और चर्चित शख्सियत रही शाजिया इल्मी ने विवादों के बाद भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. काफी समय तक वो भाजपा के मीडिया पैनलिस्ट के तौर पर न्युज चैनलों पर दिखती रहीं. अब उन्हें न तो भाजपा में कोई पूछता है और नहीं कहीं नजर नहीं आती हैं.