कई सारी चीज़ें दुनिया में ऐसी हैं जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं. हमारे देश भारत में बहुत सारी अद्भुत चीज़ों का भण्डार है. यहाँ पर ऐसे ऐसे राज और इतिहास हैं जिनके बारे में हमे जानकर सिर्फ आश्चर्य ही होता है.
हम दुनिया की जिस सबसे छोटी मस्जिद की बात कर रहे हैं वो मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में हैं ! कहते हैं भोपाल में इस मस्जिद को यहाँ के सबसे पहले शासक नवाब दोस्त मोहम्मद खां ने बनवाया था !
इस मस्जिद को छोटी ढाई सीढ़ी के नाम से जाना जाता है और पूरे एशिया की सबसे छोटी मस्जिद होने का ख़िताब इसी के हिस्से के हिस्से आता है ! मोहम्मद खां ने इसे फतेहगढ़ के किले के ऊपरी हिस्से में तकरीबन तीन सौ साल पहले तामीर कराया था ! उनका ऐसा करने के पीछे कारण ये था कि जो सिपाही ऊपर बुर्ज पर पहरा दे रहे होते हैं वो नमाज़ अता कर सकें !
कैसे पड़ा इसका नाम ढाई सीढ़ी
जैसा कि हम आपको बता ही चुके हैं कि पहरेदारों ने नवाब के हुक्म पर किले के ऊपरी बुर्ज पर मस्जिद तामीर कर दी ताकि नमाज पढ़ सकें लेकिन वो पहरेदार कारीगरी के मामले में अच्छे नहीं थे तो उन्होंने 2 सीढ़ी तो सही बनाई लेकिन तीसरी सीढ़ी पर एक ही ईंट रखी और इसी के चलते इस मस्जिद का नाम ढाई सीढ़ी मस्जिद हो गया ! ये मस्जिद किले के बुर्ज के पश्चिमी दिशा में बनी हुई है !
बनने की कहानी है दिलचस्प
इस एतिहासिक मस्जिद के तामीर होने के पीछे की कहानियां भी बड़ी दिलचस्प हैं ! कहते हैं कि किले की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों के लिए नमाज अता करने के लिए ये मस्जिद 1716 में अस्तित्व में आई ! उसके बाद से इसमें लगातार नमाज दी जाती है ऐसा भी कहते हैं कि भोपाल शहर की ये पहली मस्जिद थी !
इसका एतिहासिक महत्त्व तो है ही मगर साथ में लोगों की इस मस्जिद में आस्थाएं बहुत जुडी हुई हैं तभी यहाँ पर भोपाल जाने वाले मुसलमान और वहां रहने वाले मुसलमान आज भी मान्यता के अनुसार नमाज पढने जाते हैं ! यहाँ नमाज पढने का अपने एक सुकून है और यहाँ नमाज पढने के बाद लोग बहुत शांति का अनुभव करते हैं ऐसा लोगों ने बताया है !