अजमल कसाब और याकूब मेमन जो कि पाक आतंकी हैं उनको फांसी दिए जाने के कई साल बाद महाराष्ट्र की आईजी मीरन सी बोरवंकर ने उस वक्त की कुछ घटनाओं का ज़िक्र करते हुए बताया कि कसाब और याकूब की फांसी में काफी भेद था.
मीरन ने कहा जहाँ एक तरफ कसाब की फांसी गोपनीय राखी गई वहीं याकूब की फांसी को सार्वजनिक किया गया था.
मीरन ने बताया कि कसाब को फांसी देने के लिए पुणे ले जाया गया था. उन्होंने बताया की इस दौरान काफी एहतियात और सावधानी बरती गयी थी. कसाब को 36 घंटे तक्क एक गुप्त जगह पर रखा गया था. इस दौरान सभी सुरक्षा कर्मियों के मोबाइल भी लेलिये गए थे ताकि किसी को इसकी भनक तक न लग सके.उन्होंने बताया ककी फंसी से पहले क्कासाब काफी डरा हुआ था.
वहीं याकूब की फांसी को लेकर मीरन ने बताया कि याकूब की फांसी में वही टीम राखी जो कसाब की फांसी में शामिल थी और इस टीम ने याकूब की फांसी को गोपनीय बनाये रखा. उन्होंने बताया की कसाब के विपरीत याकूब ने उनसे कहा मैडम फ़िक्र मत करो कुछ नहीं होने वाला है, मुझे कुछ नहीं होगा.