अभी कुछ दिन पहले की बात है कि हाल में मौजूद मीडिया योगी आदित्यनाथ से कई सवालों से जवाब चाहती थी। आपको बता दें कि वो ऐसे सवाल थे जो योगी सरकार से पूछने के लिए प्रासांगिक हो उठे थे।
सीएम योगी आदित्यनाथ आए लाइट कैमरा तना तो योगी बोलना शुरू हुए तो पूरी सरकार की अबतक की उपलब्धियों पर खुशी जाहिर करते हुए पिछली सरकार पर जरूरी हम~ला बोलते हुए धन्यवाद बोल गए।
सवाल-जवाब का इंतजार कर रही मीडिया आश्चर्य चकित रह गई। अमूमन ऐसे मौके पर मीडिया के सवालों का जवाब देने की प्रथा के विपरीत योगी आदित्यनाथ का यह अपना अंदाज था। लेकिन योगी आदित्यनाथ के इस अंदाज में उन सभी अनकहे सवालों के जवाब मिल गए जो मीडिया सरकार से जानना चाहती थी।
मसलन, कानून व्यवस्था, गढ्ढा मुक्त सड़कें और रोमियो स्क्वायड और अवैध बूचड़खा!ने वाले मामले में जिस तरह से शुरुआत के बाद ढीली पड़ी सरकार को परेशानी में डाला वह सीएम योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर साफ दिख रहा था।
योगी आदित्यनाथ की इस अदा से मीडिया हो रही परिचित
मुख्यमंत्री योगी से एक सवाल हुआ जो मीडिया से मंझोले और छोटे अखबारों को बंद किए जाने से संबंधित था। जिसका मुस्कुराते हुए गोलमोल जवाब देते हुए वे अपने कैबिनेट के साथ कुर्सी से खड़े हो गए। मीडिया के लोग जबतक कुछ समझ पाते तब तक योगी मंच से पर्दे के पीछे होकर प्रेस कान्फ्रेंस हाल से दूसरी ओर निकल गए। हालांकि मुख्यमंत्री योगी हमेशा मीडिया से केवल अपनी बात ही करते हैं। आमतौर पर वे कोई सवाल नहीं लेते।
किसी मंत्री ने भी नहीं दिया जवाब
वैसे आमतौर पर कैबिनेट के बाद ब्रीफिंग प्रवक्ता सिद्दार्थनाथ सिंह व श्रीकांत शर्मा करते हैं। आज योगी के मंच से उठने के बाद किसी ने भी मीडिया के किसी सवाल को लेने से इनकार किया। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने भी कहा जब मुख्यमंत्री ने कोई सवाल मीडिया के नहीं ग्रहण किए, तो अब मेरा सवालों के जवाब देना क्या उचित होगा। हालांकि डॉ दिनेश शर्मा ने कुछ बात जरुर की। उन्होंने अपने विभागों के कामकाज से संबंधित योजनाओं के बारे ही बताया। कहा इससे अलग के प्रश्न वे नहीं ले सकते।
मीडिया ने कही लंच के बहिष्कार की बात
मुख्यमंत्री योगी का मीडिया के सवालों से किनारे किए जाने से मीडिया भी हतप्रभ रही। कुछ मीडिया कर्मियों ने सरकार की ओर से आयोजित लंच के बहिष्कार की बात उठाई पर बाद में कुछ ऐसा नहीं हुआ। मीडिया भी योगी की इस आदत से वाकिफ होती जा रही है कि वे प्रेस कान्फ्रेंस में अपनी बात कहते हैं और फिर मीडिया के सवालों के उत्तर दिए बगैर वे वहां से चल पड़ते हैं।