मदरसों के लिए योगी सरकार नए नए फरमान जारी कर रही है। जबसे योगी सरकार उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई है तबसे अभी तक पांचवां फरमान मदरसों के लिए जारी किया है। आपको बता दें कि 22 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली विवादों में आ सकती है। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी जो कि वाराणसी का है उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवाद कार्यक्रम के लिए मदरसों को 700 मुस्लिम महिलाओं को भेजने का फरमान जारी किया है।
यूपी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने इस मामले में मदरसों को एक खत लिखकर मुस्लिम महिलाओ को कार्यक्रम में भेजने के लिए कहा है. सरकार के इस तुगलकी आदेश का मदरसा टीचर एसोसिएशन ने विरोध किया है और इस आदेश को लोकतान्त्रिक अधिकारी का हनन बताया है। मदरसा टीचर एसोसिएशन ने अपना विरोध जताते हुऐ कहा कि सरकार के विभाग ने सिर्फ मदरसो के लिए आदेश दिया है अब सरकार को बताना चाहिए कि आखिर सिर्फ मदरसों से ज़बरन मुस्लिम महिलाओ को प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में लाने के लिए क्यों कहा गया?
मदरसा एसोसिएशन का दावा है कि सरकार ने अन्य शिक्षण संस्थानों को ऐसा कोई आदेश नही दिया एसोसिएशन ने कहा कि सिर्फ महिलाओ के लिए ही आदेश क्यों ज़ारी हुआ.एसोसिएशन का कहना सरकार इमेज बिल्डिंग के लिये मुस्लिम महिलाओ को जबरन कार्यक्रम में बुलवाना चाह रही है।
सरकार के इस तुगलकी फरमान पर समाजसेवी सलाहुद्दीन खान ने कहा कि सरकार द्वारा इस तरह का आदेश तानाशाही है। उन्होंने सवाल किया मोदी मदरसों को अपनी राजनैतिक फायदे के लिए कैसे इस्तेमाल कर सकते है. सलाहुद्दीन ने कहा कि अगर मुस्लिम महिलाऐं खुद जाना चाहे तो ये अलग बात है वो जाने के लिए आज़ाद हैं लेकिन जबरदस्ती मुस्लिम महिलाओ को कार्यक्रम में भेजने का फरमान जारी करना मुस्लिम महिलाओ ही नहीं बल्कि लोकतंत्र से मिले अधिकारों का हनन है।
सलाहुद्दीन ने कहा कि वो दुनिया को बताना चाहते है कि तीन तलाक में उनके स्टैंड से मुस्लिम महिलाओ में वो लोकप्रिय हो चुके हैं लेकिन ये झूठ है और यूपी सरकार का आदेश खुद इसकी गवाही दे रहा है।