हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस समय बीजेपी की सरकार है और इसके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. योगी आदित्यनाथ मुस्लिम विरोधी भाषणों के कारण अक्सर सुर्ख़ियों में बने रहते हैं.
योगी सरकार ने लिए कई मुस्लिम विरोधी फैसलें
सीएम बनने के बाद से ही अपनी मुस्लिम विरोधी भावना के चलते उन्होंने राज्य में कई मुस्लिम विरोधी फ़रमान जारी करते हुए मुस्लिम सामाज के लोगों का विश्वास तोडा है. राज्य में बूचड़खाने पर बैन से लेकर मस्जिदों के लाउडस्पीकरों तक को बंद करने का फैसला लेते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने ये दिखा दिया कि वाकई उत्तर प्रदेश की ये सरकार केवल एक विशेष धर्म की सरकार है.
योगी राज में यूपी में तेजी से बढ़े हिंसक मामले
इस बात में भी कोई दौराय नहीं है कि योगी सरकार राज्य में शांति और कानून व्यवस्था बरकरार रखने में जिस प्रकार पूरी तरह विफ़ल रही हैं उसी के चलते बीते 1 साल में ही राज्य के अलग-अलग शहरों में हिंसा के आकड़ें बढ़े हैं.
राज्य में हुई अलग-अलग हिंसा ने लगाया योगी सरकार पर दाग
बीते महीनों में कानपुर, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, बलरामपुर, संतकबीर नगर, किन्नोज, बांदा, कासगंज, गाजीपुर आदि जैसे छोटे-बड़े शहरों में जिस तरह हिंसक झड़पें हुई उसने योगी आदित्यनाथ सरकार के ऊपर कभी न मिटने वाला दाग लगा दिया है.
त्योहारों पर ही सबसे ज्यादा हुए दंगे
योगी सरकार के आते हैं राज्य में साम्प्रदायिक तनाव का माहौल जिस तेजी से बढ़ा हैं वो पुरे देश के लिए बेहद चिंताजनक हैं. सभी साम्प्रदायिक हिंसा ज्यादातर किसी न किसी त्योहार या किसी ख़ास दिन पर देखी गई. चाहे फिर वो गणतन्त्र दिवस पर झंडा फैराने को लेकर कासगंज की हिंसा हो, या दुर्गा पूजा से लकर मोहर्रम पर हुई दो गुटों में खुनी लड़ाई.
होली के त्योहार पर दंगों से बचने के लिए योगी ने थामी कमान
ऐसे में होली के त्योहार पर राज्य में किसी तरह का रंग में भंग न पड़ सके इसके लिए अब योगी की नींद उड़ी पड़ी है. राज्य में जिस तरह लोउद्स्पेअकेर्स के बैन के नाम पर वसूली की जा रही हैं, उससे खुद सीएम योगी भी जानते हैं कि होली के त्योहार पर हिंसा एक बार फिर प्रदेश को खून से रंग सकती है. जो बीजेपी के लिए आने वाले चुनावों को देखते हुए बिलकुल सही नहीं है.
होली के लिए जुम्में की नमाज़ से हिंसा होने का डर
इसी संकट को भांपते हुए सीएम योगी ने हाल ही में बीते रविवार अपने सरकारी आवास से एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये सभी जिलों के कप्तान और जिलाधिकारियों से बात की. इस ख़ास कॉन्फ्रेंस के ज़रिये उन्होंने ने सभी बड़े अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि..
“चुकी होली शुक्रवार को है और शुक्रवार को मस्जिदों में जुम्मे की नमाज़ होती है इसलिए उन्हें इस बार राज्य में किसी भी तरह की बदसलूकी नहीं चाहिए.”
निष्कर्ष:
बीते कई महीनों से प्रदेश जिस तरह हिंसा की अंग में जला हैं उससे कही न कही बीजेपी और योगी सरकार की छवि खराब हुई है. जिसे अब योगी सरकार सुधारने की कड़ी में जुटी नज़र आ रह है.